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राम विलास पासवान ने प्याज के मूल्‍य और उपलब्धता की समीक्षा की

नई दिल्ली: केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री राम विलास पासवान ने आज अपने मंत्रालय के उपभोक्ता मामलों के सचिव श्री अविनाश के श्रीवास्तव, खाद्य सचिव श्री रविकांत और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पूरे देश में प्याज की कीमतों और उपलब्धता की समीक्षा की। यह बैठक लगभग दो घंटे चली। बैठकों के दौरान कीमतों को कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए अनेक कदमों के साथ-साथ मूल्‍य वृद्धि के कारणों पर विचार-विमर्श किया गया। यह बताया गया कि मॉनसून के आगमन में देरी के कारण प्‍याज की बुआई में देरी हुई थी जिससे मंडियों में प्‍याज की आवक पर  व्यापक प्रभाव पड़ा। बेमौसम की बारिश और दो बार आए चक्रवातों से प्याज के समग्र उत्पादन पर प्रभाव पड़ा और विशेष रूप से महाराष्ट्र से प्‍याज की ढुलाई में भी बाधा उत्पन्न हुई।

बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार 56,700 टन प्याज का बफर स्टॉक बनाने सहित प्‍याज की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सभी संभव कदम उठा रही है।  वर्तमान में नैफेड के पास 1525 टन प्‍याज उपलब्ध है। प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के अलावा खुदरा विक्रेताओं के लिए 10 मीट्रिक टन और थोक विक्रेताओं के लिए 50 मीट्रिक टन की स्टॉक सीमा निर्धारित की गई है, ताकि बाजार में घरेलू खपत के लिए प्‍याज की पर्याप्‍त और लगातार आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। प्‍याज की कीमतों में बढ़ोतरी के कारणों पर प्रकाश डालते हुए श्री पासवान ने कहा कि इसके लिए सभी कदम उठाए गए हैं। प्याज के उत्पादन में 30-40% की कमी आई है और बारिश के कारण आपूर्ति में भी बाधा उत्‍पन्‍न हुई है। दिल्ली की मंडी में पिछले वर्षों के इन्‍हीं महीनों की तुलना में 25% कम आवक हुई है।

प्‍याज की आपूर्ति में बढ़ोतरी के निमित्‍त लिए गए प्रमुख निर्णयों के बारे में उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार प्याज के आयात के लिए एक मददकर्ता के रूप में काम करेगी। 30 नवंबर, 2019 तक कुछ शर्तों के अधीन आयात को सुविधाजनक बनाने के लिए कृषि मंत्रालय द्वारा फाइटोसैनेटरी और फ्यूमिगेशन आवश्यकता को कुछ शर्तों पर उदार बनाया गया है। इससे सुरक्षा और गुणवत्ता के साथ समझौता किए बिना देश में प्याज के तत्काल आयात में  मदद मिलेगी। इसके साथ ही अफगानिस्तान, मिस्र, तुर्की और ईरान में भारतीय मिशनों से भारत को प्याज की आपूर्ति में मदद करने के लिए अनुरोध किया जा रहा है। वाणिज्य मंत्रालय  से भी डिहाइड्रेटेड प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की व्यवहार्यता को देखने के लिए भी कहा गया है, क्‍योंकि इसका घरेलू खपत के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

कल उपभोक्ता मामलों के सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में नैफेड को दिल्ली में खुदरा बिक्री के लिए मदर डेयरी/सफल को अधिकतम संभावित मात्रा में प्‍याज की आपूर्ति करने का निर्देश दिया गया था। नैफेड के अतिरिक्‍त एमडी के नेतृत्‍व में एक टीम को नासिक जाने और वहां स्थिति का जायजा लेने के लिए कहा गया था, ताकि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों सहित प्‍याज की खपत वाले क्षेत्रों में महाराष्ट्र से आपूर्ति के लिए ढुलाई को सुविधाजनक बनाया जा सके। दो अंतर-मंत्रालयी टीमों को कर्नाटक और राजस्थान में प्याज की आपूर्ति और स्टॉक का जायजा लेने के लिए भेजा गया है, ताकि दिल्लीएनसीआर सहित खपत वाले क्षेत्रों में प्‍याज की आपूर्ति को प्रोत्साहित किया जा सके।

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