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लाल किला महोत्सव- भारत भाग्य विधाता में 10 दिनों के दौरान 1,50,000 से अधिक लोगों की भारी भीड़ उमड़ी

भारत सरकार के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय ने लाल किले के ‘मॉन्‍यूमेंट मित्र’ डालमिया भारत लिमिटेड के साथ रविवार, 3 अप्रैल को दस दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव- लाल किला महोत्सव: भारत भाग्य विधाता- का समापन किया। दस दिनों के उत्सव के दौरान 17वीं सदी के इस प्रतिष्ठित स्मारक पर 1,50,000 से अधिक लोगों की भारी भीड़ उमड़ी।

समापन समारोह को आगंतुकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली और इस दौरान केंद्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग, उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल भी उपस्थित थे।

श्री पीयूष गोयल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि लाल किला महोत्सव- भारत भाग्य विधाता ने हमारे देश की समृद्ध संस्कृति एवं विरासत के अपने अद्वितीय प्रदर्शन के साथ वैश्विक स्तर पर काफी उच्च मानक स्थापित किया है।

मंत्री ने आगे कहा, ‘कोविड के बाद इस उत्‍सव द्वारा सृजित अवसर कहीं अधिक प्रशंसनीय हैं जो इस बात का प्रमाण है कि हम किस प्रकार ‘नए भारत’ की ओर बढ़ रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि लाल किले के मॉन्‍यूमेंट मित्र डालमिया भारत लिमिटेड जैसी कंपनियां हमारे इस प्रयास में शामिल होंगी क्योंकि हम अपनी गौरवशाली विरासत को खोए बिना अपने लोगों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

लाल किला महोत्सव- भारत भाग्य विधाता एक व्‍यापक सांस्कृतिक कार्यक्रम है। इसे भारत की आजादी के 75 गौरवशाली वर्षों का जश्न मनाने के लिए भारत सरकार की पहल ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत परिकल्पित किया गया है। इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए अब इसे एक वार्षिक आयोजन बना दिया गया है जबकि इसका भव्य प्रोजेक्‍शन – मातृभूमि – को लाल किले का एक स्थायी कार्यक्रम बना दिया गया है।

डालमिया भारत लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री पुनीत डालमिया ने कहा, ‘हम लाल किले का मॉन्‍यूमेंट मित्र होने का सम्मान प्राप्त करने से लेकर ‘लाल किला महोत्सव- भारत भाग्य विधाता’ की परिकल्पना और इसे अपनी पथप्रदर्शक पहल बनाने तक एक लंबा सफर तय कर चुके हैं।’ उन्‍होंने कहा, ‘हम भारत सरकार के आभारी हैं कि उसने हमें अपने समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास एवं विरासत को लाल किले जैसे वैश्विक मंच पर साझा करने और इस उत्सव में रोजगार की संभावनाएं पैदा करके हमारे समुदायों के लिए जीविका का साधन उपलब्‍ध कराने का अवसर दिया।’ उन्होंने कहा कि हम हर संभव तरीके से अपने देश की सेवा करना जारी रखेंगे।

लाल किला महोत्सव- भारत भाग्य विधाता देश में एक सांस्कृतिक क्रांति के आरंभ होने का सूचक है जो ‘मातृभूमि’- एक प्रोजेक्शन मैपिंग शो, यात्रा- एक 360 डिग्री इमर्सिव अनुभव और भारत गौरव प्रदर्शनी जैसे अत्याधुनिक अनुभव के साथ आगंतुकों के बीच देशभक्ति और गर्व की भावना पैदा करता है। सतरंगी आर्ट, क्राफ्ट एंड टेक्सटाइल बाजार, खाऊ गली, खेलगांव एवं खेल मंच में पूरे भारत से स्वादिष्ट भोजन की मेजबानी एम्सी भारत जैन ने की जबकि रंग मंच में देश के प्रमुख कलाकारों ने अपने प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्‍ध किया।

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