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17 स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज’ के लिए पुनरुत्थान समारोह

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के 17 स्क्वाड्रन के लिए आज वायु सेना स्टेशन अंबाला में पुनरुत्थान समारोह आयोजित किया गया। वायु सेना प्रमुख बीरेंद्र सिंह धनोआ पीवीएसएम एवीएसएम वाईएसएम वीएम एडीसी ने इस अवसर पर ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह को स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस समारोह में भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

17 स्क्वाड्रन का गठन फ्लाइट लेफ्टिनेंट डी.एल. स्प्रिंगगेट की कमान में 01 अक्टूबर, 1951 को अंबाला में हुआ था। स्क्वाड्रन के पास उस समय हारवर्ड-II बी एयरक्राफ्ट था। 1957 में गोल्डन एरोज ने हाउकर हंटर एयरक्राफ्ट उड़ाए। स्क्वाड्रन को 1975 में मिग-21एम प्राप्त हुआ।

स्क्वाड्रन ने दिसंबर, 1961 और 1965 में गोवा मुक्ति अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई थी। विंग कमांडर एन.चत्रथ की कमान में 17 स्क्वाड्रन ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भाग लिया था। इसके लिए स्क्वाड्रन को कई वीरता पुरस्कार मिले थे।

तत्कालीन राष्ट्रपति श्री आर.वेंकटरमन ने नवंबर, 1988 में स्क्वाड्रन को ‘कलर्स’ प्रदान किया था। विंग कमांडर धनोआ की कमान में गोल्डन एरोज ने 1999 में ऑपरेशन सफेद सागर में सक्रिय भूमिका निभाई थी।

निकट भविष्य में 17 स्क्वाड्रन पहला स्क्वाड्रन होगा जिसे आधुनिक राफेल एयरक्राफ्ट दिया जाएगा, जो अत्यधिक सक्षम चौथी पीढ़ी का बहुभूमिका निभाने वाला एयरक्राफ्ट है और इसमें कई आधुनिक हथियार भी लगे हुए हैं।

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