उत्तर प्रदेश

औद्योगिक विकास प्राधिकरणों और यूपीसीडा राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ाये जाने सम्बन्धी प्रयासों की समीक्षा करते हुएः सीएम

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर प्रदेश के समस्त औद्योगिक विकास प्राधिकरणों और उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) द्वारा राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ाये जाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अनन्त सम्भावनाओं वाला प्रदेश है। राज्य के सभी जिलों में अवसर है। इन अवसरों-संभावनाओं को विकास परियोजनाओं में बदलने के लिए औद्योगिक विकास प्राधिकरणों की भूमिका अहम है। फरवरी 2018 में पहले इन्वेस्टर्स समिट में 04 लाख 68 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए राज्य ने 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य के लिए औद्योगिक विकास प्रधिकरणों को सभी जरूरी  तैयारी कर लेनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में प्रदेश के औद्योगिक विकास अनुकूल माहौल ने दूसरे देशों को राज्य में निवेश के लिए आकर्षित किया है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने की राज्य सरकार की नीतियों के अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। केवल यूपीसीडा के माध्यम से ही बीते 02 वर्षों में सात देशों से 3200 करोड रुपये़ से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है। इसमें यूनाइटेड किंगडम और यू0एस0ए0 से लगभग 1250-1250 करोड़  रुपये, इटली से 250 करोड़ रुपये, कनाडा से 125 करोड़ रुपये तथा फ्रांस से प्राप्त 300 करोड़ रुपये से अधिक का एफ0डी0आई0 शामिल है। इनसे 9000 से अधिक रोजगार का सृजन भी हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यूपीसीडा पहला प्राधिकरण है, जहां ई-ऑक्शन से औद्योगिक भूखंड आवंटित किए जाते हैं। तकनीकी की मदद से हुई व्यवस्था के सरलीकरण का ही परिणाम है कि विगत 02 वर्षों में 587 औद्योगिक भूखंड आवंटित किए गए हैं। कोरोना के चुनौतीपूर्ण माहौल के बीच बीते दो वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है कि दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, केरल, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल से प्रतिष्ठित इकाइयों ने यूपीसीडा के माध्यम से प्रदेश में 3700 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। यूपीसीडा के अंतर्गत विगत 05 वर्षों में 2,749 नई औद्योगिक इकाइयां क्रियाशील हो चुकी हैं, जबकि 2400 से अधिक इकाइयां निर्माणाधीन हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्राधिकरणों को अपने दैनिक कार्य व्यवहार मे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अनुसार काम करना होगा। अगर किसी निवेशक की एम0ओ0यू0 से लेकर इकाई स्थापना तक हर प्रक्रिया सुगमता से पूरी हो, उसे इंडस्ट्रियल एरिया में सड़क, स्ट्रीट लाइट, ड्रेनेज की अच्छी व्यवस्था मिले तो यह प्राधिकरण के प्रति निवेशक के मन मे अच्छी धारणा का निर्माण करेगा। भविष्य के दृष्टिगत सभी प्राधिकरणों को लैंड बैंक विस्तार के लिए मिशन मोड में काम करना होगा। आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले इंडस्ट्रियल लैंड बैंक को अधिकाधिक विस्तार देना होगा। प्रदेश के विकास की दृष्टि से उपयोगी औद्योगिक इकाइयों के लिए भूमि की कोई कमी नहीं है। अकेले यूपीसीडा के पास ही 12,000 एकड़ से अधिक का लैंड बैंक है। नोएडा प्राधिकरण ने औद्योगिक, वाणिज्यिक, ग्रुप हाउसिंग के लिए करीब 915 एकड़ का लैंड बैंक आवंटन के लिए आरक्षित कर लिया है। इन प्रयासों को और तेज किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आकांक्षात्मक विकास खंडों में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश के लिए उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। आकांक्षी विकास खंडों में हेल्थ ए0टी0एम0 की स्थापना तथा अच्छे मॉडल स्कूलों के विकास के लिए निजी क्षेत्र का सहयोग लें। इण्डस्ट्रियल एरिया का विकास करते समय उद्यमियों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए। सड़कें, बिजली, पेयजल आदि की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। इंडस्ट्रियल एरिया का विकास जिस प्राधिकरण द्वारा किया जाए, सुविधाओं का विकास और रखखाव की जिम्मेदारी भी उसी की होगी। इस सम्बंध में औद्योगिक विकास विभाग द्वारा स्पष्ट आदेश जारी किए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में निवेश कर रहीं औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है। ऐसे सभी प्रकरणों की गहन समीक्षा कर अविलम्ब यथोचित कार्यवाही की जाए। निर्यात प्रोत्साहन के लिए तेज प्रयास करते हुए सभी जिलों में इसके लिए नीतिगत प्रयास करना होगा। एम0एस0एम0ई0 विभाग और नियोजन विभाग परस्पर समन्वय से इसकी कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करें। निर्यात प्रोत्साहन के लिए औद्योगिक इकाइयों से उनकी कार्ययोजना पर लगातार चर्चा की जानी चाहिए। प्रयास यह भी हो कि प्रदेश में इकाइयां स्थापित करने वाली कंपनियां अपने सी0एस0आर0 की धनराशि का प्रयोग उत्तर प्रदेश के हित में करें। इसके लिए उद्यमियों, निवेशकों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी प्राधिकरण आई0आई0टी0, एन0आई0टी0 और राज्य सरकार के प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी संस्थानों से सतत संवाद बनाये रखें। भावी कार्ययोजना तैयार करते समय इनसे तकनीकी परामर्श लेते रहें। भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) द्वारा स्थानीय शिल्पकला को औद्योगिक स्वरूप देने के लिए अच्छा प्रयास किया गया है। निर्यात प्रोत्साहन की दृष्टि से बीडा की इकाइयों की भूमिका महत्वपूर्ण है। आगामी अक्टूबर में यहां इंटरनेशनल कालीन एक्सपो आयोजित होने जा रहा है। प्राधिकरण प्रयास करे कि वाराणसी की कालीन इकाइयां भी भदोही की ओर आकर्षित हों। बीडा को अपना लैंड बैंक बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास करना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यमुना इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी में अपैरल पार्क, एम0एस0एम0ई0 पार्क, टॉय पार्क, लॉजिस्टिक पार्क, डाटा सेंटर पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क जैसे क्लस्टर आधारित 07 इंडस्ट्रियल पार्कों का विकास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी के प्रोत्साहन से उत्तर प्रदेश पहला राज्य होगा, जहां टॉय पार्क स्थापित किया जा रहा है। इसके लिए टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों से भी संवाद किया जाए। अपैरल पार्क में महिला स्वावलंबन को बढ़ावा देते हुए 80 प्रतिशत से अधिक महिलाएं ही सेवायोजित होंगी। यह पार्क रोजगार सृजन की दृष्टि से अत्यन्त उपयोगी होंगे। इनकी कार्यवाही समयबद्ध रूप से पूरी की जाए। निवेशकों को भूमि आवंटन में अनावश्यक देरी न हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण को धुरियापार की ओर संभावनाएं तलाशनी चाहिए। यहां उचित दर पर भूमि मिल जाएगी। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर औद्योगिक इकाइयों की स्थापना को बढ़ावा देना चाहिए। ऐसे में प्राधिकरण द्वारा धुरियापार में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही यथाशीघ्र शुरू कर दी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जौनपुर और वाराणसी के आस पास के क्षेत्रों में कई लिथियम आयन बैटरी निर्माता कंपनियों ने इकाइयां लगाने की इच्छा जताई है। सतहरिया औद्योगिक विकास प्राधिकरण (सीडा), जौनपुर के लिए यह अच्छा अवसर है। सीडा में हॉकिन्स कंपनी लंबे समय से निवेश कर रही है। प्राधिकरण को ऐसे निवेशकों से संवाद कर उन्हें आकर्षित करना चाहिए। सीडा फेज-2 के अंतर्गत पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के आसपास भूमि अधिग्रहण कर लैंड बैंक को विस्तार देने की कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आवासीय और औद्योगिक दृष्टिकोण से नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र की उन्नति सराहनीय है। प्रदेश सरकार इन क्षेत्रों में दोनों ही प्रकार की गतिविधियों को प्रोत्साहित कर रही है। नोएडा में वर्ष 2012-17 के बीच मात्र 63 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक इकाइयों को आवंटित की गई, जबकि वर्ष 2017-22 के बीच 196 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई, यह स्थिति अच्छी है। ऐसे प्रयास आगे भी जारी रखें जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कन्नौज में प्रस्तावित इत्र पार्क, मेगा फ़ूड पार्क जैसे प्रोजेक्ट स्थानीय उद्यम को प्रोत्साहन देने और रोजगार सृजन के लिहाज से बहुत उपयोगी होंगे। इनकी स्थापना की कार्यवाही तेजी से पूरी की जाए। इन विशेष औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमियों की जरूरत के अनुसार सुविधाओं का विकास किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कला-मनोरंजन जगत के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इंफोटेनमेंट सिटी (फ़िल्म सिटी) के विकास की कार्यवाही में तेजी की जरूरत है। इसके लिए वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित स्टूडियो, प्रोडक्शन हाउसेज तथा विशेषज्ञों से परामर्श किया जाए। पी0पी0पी0 मॉडल के आधार पर विकसित होने जा रही यह इंफोटेनमेंट सिटी दुनिया भर के कला-मनोरंजन जगत को उत्तर प्रदेश का उपहार होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अंतर्गत ‘गंगाजल परियोजना’ आमजन को पेयजल की सुलभ उपलब्धता की दृष्टि से  बहुत उपयोगी सिद्ध होगी। इसे समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्रुप हाउसिंग की परियोजनाओं में प्रायः बिल्डर-बायर्स के बीच विवाद की स्थिति देखने को मिलती है। प्राधिकरणों को इस संबंध में विशेष प्रयास करना होगा। यह सुनिश्चित किया जाए कि हाउसिंग परियोजनाएं समय से पूरी हों, खरीददारों से किए गए समझौते के अनुरूप ही परियोजना पूरी हो। आवास की रजिस्ट्री समय से हो। औद्योगिक क्षेत्र के पास ही टाउनशिप का विकास भी किया जाए। औद्योगिक इकाइयों में कुछ कर्मचारी स्थायी होते हैं तो कुछ अस्थायी होते हैं, प्रयास हो कि इन लोगों को उनके कार्यस्थल के पास ही आवास की सुविधा मिल सके। श्रमिकों के लिए डॉरमेट्री आवास भी बनाये जा सकते हैं। इसके लिए औद्योगिक इकाइयों से संवाद करना चाहिए। औद्योगिक इकाइयों का विकास करते समय वहां स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता पर भी ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यूपीसीडा में वर्ष 2017-18 की तुलना में वर्ष 2021-22 में आवासित भूखण्डों की संख्या में 242 प्रतिशत, पूंजी निवेश में 377 प्रतिशत तथा रोजगार सृजन में 452 प्रतिशत की सराहनीय बढ़ोत्तरी देखी गई है। चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 126 आवासित भूखंड हो चुके हैं, जबकि 6,908 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ है। विगत 02 वर्षों में उसके पूर्व के तीन वर्षों की तुलना में निवेश प्रवाह में ढाई गुना की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जबकि रोजगार सृजन दोगुने से ज्यादा हुआ है। कोविड महामारी के बावजूद यह उपलब्धि संतोषप्रद है। नोएडा परिक्षेत्र में स्थापित गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के लिए नोएडा अथॉरिटी द्वारा पूर्व में दिया जा रहा वित्तीय सहयोग जारी किया जाए। विश्वविद्यालय के विकास के लिए यह सहयोग आवश्यक होगा।
इस अवसर पर औद्योगिक विकास मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, औद्योगिक विकास राज्य मंत्री श्री जसवन्त सिंह सैनी, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, मुख्य कार्यपालक अधिकारी उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) श्री मयूर माहेश्वरी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा), नोएडा, ग्रेटर नोएडा, सतहरिया औद्योगिक विकास प्राधिकरण (सीडा), भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे।

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