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कोविड-19 से प्रभावी ढंग से लड़ने के लिए राज्यों के लिए 14744.99 करोड़ रुपये स्वीकृत

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय कोविड-19 महामारी के प्रबंधन की दिशा में राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों की सहायता कर रहा है। दूसरी लहर, इसके ग्रामीण, परि-नगरीय और आदिवासी क्षेत्रों में प्रसार और महामारी की स्थिति में बदलाव को देखते हुए, केंद्रीय मंत्रिमंडल 8 जुलाई, 2021 को 23,123 करोड़ रुपये की लागत वाली एक नई योजना ‘भारत कोविड-19 आपातकालीन प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तत्परता पैकेज: चरण-II (ईसीआरपी)’ को स्वीकृत कर चुका है। इस योजना को 01 जुलाई 2021 से 31 मार्च 2022 तक लागू होना है।

ईसीआरपी-II के त्वरित कार्यान्वयन के लिए, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को प्रारंभिक गतिविधियां शुरू करने के लिए 22 जुलाई 2021 को 15 प्रतिशत अग्रिम के रूप में 1827.80 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। इसके अलावा, आज राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को 35 प्रतिशत धनराशि जारी की जा रही है, इस प्रकार, कुल 50 प्रतिशत धनराशि की व्यवस्था की गई है ताकि परिवर्तनशील महामारी की प्रतिक्रिया में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को तैयार करने के लिए राज्य और जिला स्तर पर महत्वपूर्ण गतिविधियों का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।

कुछ केंद्रीय क्षेत्र घटकों के साथ यह योजना एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इसका उद्देश्य बाल चिकित्सा और मापन योग्य परिणामों सहित स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के साथ शीघ्र रोकथाम, पहचान और प्रबंधन के लिए त्वरित प्रतिक्रिया के लिए स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों में तेजी लाना है।

ईआरसीपी-II के केंद्र प्रायोजित कार्यक्रमों (सीएसएस) के घटकों के तहत, आपातकालीन कोविड प्रतिक्रिया योजनाओं (ईसीआरपी) के लिए 14744.99 करोड़ रुपये स्वीकृत करके राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों की सहायता की गई है। निर्मित होने वाले मूलभूत ढांचे के लिए राज्यों से प्रस्ताव मिल चुके हैं।

ईसीआरपी-II पैकेज का सीएसएस घटक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को निम्नलिखित व्यवस्थाओं के लिए सहायता देगा:

  • जिलों में 827 बाल चिकित्सा इकाइयों का निर्माण, जिससे ऑक्सीजन सुविधा वाले 19,030 बिस्तर और 10,440 आईसीयू/एचडीयू बिस्तर अतिरिक्त रूप से बनेंगे।
  • जिला बाल चिकित्सा इकाइयों को टेली-आईसीयू सेवाएं देने, निगरानी करने और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के लिए, प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों में कम से कम एक, (या मेडिकल कॉलेजों, राज्य सरकार के अस्पतालों या केंद्रीय अस्पतालों जैसे एम्स, आईएनआई, इत्यादि) में 42 बाल चिकित्सा उत्कृष्टता केंद्र (बाल चिकित्सा सीओई) स्थापित करना।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में 23,056 आईसीयू बिस्तरों को जोड़ना, जिनमें से 20% बाल चिकित्सा आईसीयू बिस्तर होंगे।
  • ग्रामीण, परि-नगरीय और आदिवासी क्षेत्रों में कोविड-19 के पहुंचने के कारण समुदाय के आस-पास स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराने के लिए, मौजूदा सीएचसी, पीएचसी और एसएचसी (6-20 बिस्तर वाली इकाइयों) में अतिरिक्त बिस्तर जोड़ने के लिए 8010 पूर्व-निर्मित ढांचे बनाना, जो 75,218 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर बनाने में मदद करेगा।
  • राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से टियर-II या टियर-III शहरों और जिला मुख्यालयों में बताई गई आवश्यकता के आधार पर 203 फील्ड अस्पताल (50-100 बिस्तर वाली इकाइयां) स्थापित करना, जो 13065 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर बनाने में मदद करेगा।
  • प्रत्येक जिले में कम से कम ऐसी एक इकाई की सहायता करने उद्देश्य के साथ मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम (एमजीपीएस) के लिए 1450 सुविधाओं की सहायता करने सहित 961 लिक्विड मेडिकल स्टोरेज टैंक को स्थापित करना।
  • 5768 उन्नत लाइफ सपोर्ट (एएलएस) और बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) एम्बुलेंस के साथ एम्बुलेंस के मौजूदा बेड़े को बढ़ाना।
  • राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को मानव संसाधन की सहायता बढ़ाने के लिए, 7281 पोस्ट ग्रेजुएट रेजिडेंट्स, 13190 अंडर-ग्रेजुएट इंटर्न, एमबीबीएस अंतिम वर्ष के 12941 छात्रों, बीएससी नर्सिंग अंतिम वर्ष के 9273 छात्रों और जीएनएम नर्सिंग अंतिम वर्ष के 15687 छात्रों को शामिल करने और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से बताई गई आवश्यकता के अनुरूप कोविड-19 के प्रबंधन के एनएमसी दिशानिर्देशों के अनुसार प्रभावी कोविड प्रबंधन के लिए वित्तीय सहायता दी गई है।
  • 621 जिला अस्पतालों और 933 अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं जैसे मेडिकल कॉलेज/एसडीएच/सीएचसी आदि (कुल 1554 सुविधाएं) में अस्पताल प्रबंधन कार्यान्वयन प्रणाली (एचएमआईएस) को लागू करना।
  • देश भर में 733 जिला हब में टेली-परामर्श सेवाएं बढ़ाने और 15632 स्पोक के लिए सहायता उपलब्ध करना।
  • अभी तक दायरे से बाहर रहे जिलों में कुल 433 आरटी-पीसीआर प्रयोगशालाएं बनाना और मजबूत करना।
  • “टेस्ट, आइसोलेट और ट्रीट” और हमेशा कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करना, प्रभावी कोविड-19 प्रबंधन के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति है। 9 महीने में कम से कम 35.19 करोड़ परीक्षण करने के लिए 18.64 करोड़ आरटी-पीसीआर और 16.55 करोड़ रैपिड एंटीजन टेस्ट किट की खरीद करने के लिए सहायता दी जा रही है।
  • बफर स्टॉक के निर्माण सहित कोविड-19 प्रबंधन के लिए आवश्यक दवाओं की जरूरत को पूरी करना। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 740 जिलों को प्रति जिले में एक करोड़ रुपये की लागत तक के बफर स्टॉक सहित आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराने की स्वीकृत दी गई है।

कोविड-19 से उत्पन्न खतरे को रोकने, पता लगाने और प्रतिक्रिया देने के लिए अप्रैल 2021 में ईसीआरपी-I के लिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 15,000 करोड़ (2 बिलियन अमरीकी डालर) जारी किए जा चुके हैं।

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