उत्तराखंड समाचार

सचिव आपदा प्रबन्धन ने किया विभिन्न समाचार एजेंसियों के प्रतिनिधियों से संवाद

देहरादून: सचिव आपदा प्रबन्धन श्री एस.ए. मुरूगेशन द्वारा गुरूवार को राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र सचिवालय में आपदा के दृष्टिगत प्रदेश में मानसून पूर्व तैयारियों के सम्बन्ध में दूरदर्शन, आकाशवाणी, सूचना विभाग सहित विभिन्न न्यूज एजेंसियों एवं सामुदायिक रेडियो के प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श किया गया।
सचिव आपदा प्रबंधन श्री एस.ए.मुरूगेशन ने बताया कि प्रदेश में समय-समय पर उत्पन्न होने वाली आपदा की परिस्थितियों  का कारगर ढंग से सामना करने के लिये आपदा प्रबन्धन तंत्र की मजबूती पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आपदा से सम्बन्धित घटनाओं की तथ्यपरक वास्तविक जानकारी आम जनता को समय पर उपलब्ध हो इसके लिये भी प्रयास किये गये हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी तथा गैर सरकारी समाचार एजेंसियों की भी आम जनता तक सही जानकारी उपलब्ध कराने में बड़ी भूमिका रहती है। इसके लिये उन्होंने आपसी समन्वय एवं सहयोग की अपेक्षा की है।
सचिव आपदा प्रबंधन श्री मुरूगेशन ने बताया कि उनके द्वारा इसी प्रकार का विचार-विमर्श प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधियों से भी किया जायेगा तथा इस सम्बन्ध में उनके बहुमूल्य सुझावों की जानकारी प्राप्त की जायेगी। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास घटनाओं की त्वरित सूचना संचार माध्यमों को उपलब्ध कराने का रहता है ताकि इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की भ्रांति की स्थिति उत्पन्न न होने पाये।
उन्होंने कहा कि जन जागरूकता के प्रसार में मीडिया का अहम रोल रहता है, चूंकि दैवीय आपदा जैसी घटनायें आकस्मिक रूप से होती है अतः इन घटनाओं में कम से कम जान-माल का नुकसान हो इसके लिये जन जागरूकता के साथ तथ्यों की सही जानकारी आम जनता तक पहुंचे इसके लिये आपसी समन्वय पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के अंतर्गत कार्यरत विभिन्न संस्थाओं से भी बेहतर समन्वय बनाये जाने का प्रयास किया गया है।
सचिव आपदा प्रबंधन श्री एस.ए.मुरूगेशन ने बताया कि आपदा प्रबन्धन द्वारा यह भी प्रयास किया जा रहा है कि आपदा के विभिन्न विषय विशेषज्ञों के माध्यम से आकाशवाणी, दूरदर्शन, सामुदायिक रेडियो आदि के माध्यम से आपदा से एवं इसके प्रभाव को कम करने से सम्बन्धित जानकारी आम जनता तक पंहुंचे। उन्होंने कहा कि चाहे व्यवस्था पूर्व मानसून की हो, या लैंड स्लाइड, बाढ़, क्लाउड बर्स्ट, भूकंप, फॉरेस्ट फायर या स्कूल सेफ्टी की हो सभी मामलों में जन जागरूकता से हम इससे होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं।

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