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खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री साथ मुलाक़ात

भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव श्री सुधांशु पांडेय और खाद्य निगम के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक श्री संजीव कुमार ने 29 जनवरी 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। श्री पांडेय ने बंद पड़ी चीनी मिलों को पुनर्जीवित करने और बीमार पड़ी पुरानी चावल मिलों का आधुनिकीकरण करने जैसे सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराया। उन्होंने उत्तर प्रदेश में खाद्यान्नों की खरीद तथा भंडारण से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी श्री आदित्यनाथ के साथ बातचीत की।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भारतीय खाद्य निगम और राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की, जिसके कारण खरीफ़ विपणन सत्र 2020-21 के दौरान रिकॉर्ड धान की खरीद और कोविड -19 के समय में भी गेहूं की बंपर खरीद हुई। किसानों से बेहतर तरीके से खरीद सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश में भंडारण क्षमता को बढ़ाने का अनुरोध किया गया था। मुख्यमंत्री ने राज्य के अधिकारियों को राज्य सरकार की मंडियों में पर्याप्त जगह की व्यवस्था करने और जल्द से जल्द मॉडल भंडारण सुविधाओं के साथ 50 लाख मीट्रिक टन भंडारण की जगह की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अन्य बुनियादी ढांचा तैयार करने का निर्देश दिया।

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव ने लखनऊ में भारतीय खाद्य निगम के क्षेत्रीय कार्यालय का भी दौरा किया, जहां उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। इस बैठक में भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों, ख़रीद एजेंसियों, केंद्रीय भंडारण निगम और उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। बैठक में खाद्यान्नों की खरीद और वितरण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में भारतीय खाद्य निगम के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक श्री संजीव कुमार और उत्तर प्रदेश सरकार में (खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति) की प्रमुख सचिव श्रीमती वीणा कुमारी ने अन्य अधिकारियों के साथ भाग लिया।

डीएफपीडी सचिव ने उत्तर प्रदेश सरकार और खाद्य निगम के प्रयासों की सराहना की। सरकार और निगम की लगातार कोशिशों से ही राज्य में योजनाओं का प्रभावी संचालन संचालन संभव हो सका, जिससे कोविड -19 महामारी के दौरान पात्र लाभार्थियों को खाद्यान्न का निर्बाध वितरण किया गया। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव ने चालू खरीफ विपणन सत्र 2020-21 के दौरान धान और चावल की खरीद की समीक्षा की। श्री पांडेय ने राज्य में 12 लाख से अधिक किसानों से 63 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीद की तारीफ की। सचिव ने चावल खरीद तथा बिलिंग प्रणाली के डिजिटलीकरण में राज्य सरकार और एफसीआई के प्रयासों की सराहना की, जिसके कारण बचत बढ़ी तथा सभी खरीद एजेंसियों के लिए तेजी से नकदी का प्रवाह हुआ।

श्री पांडेय ने पीडीएस के तहत किसानों से फसल की खरीद से लेकर अंतिम लाभार्थियों को इसके वितरण तक पूरी आपूर्ति श्रृंखला में प्रौद्योगिकी के अधिक से अधिक उपयोग पर जोर दिया। श्री पाण्डेय ने एनएफएसए, आईसीडीएस और एमडीएम योजनाओं के तहत अधिक पोषण वाले मोटे चावल की आपूर्ति के तौर-तरीकों पर भी चर्चा की, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के लिए इसके पोषण लाभों पर जोर दिया गया। यह बताया गया कि, जिला चंदौली में अधिक पोषण वाले मोटे चावल की खरीद शुरू कर दी गई है और इसे राशन की दुकानों के माध्यम से वितरित भी किया जा रहा है। सचिव ने राज्य में पुरानी चावल मिलों के आधुनिकीकरण पर भी जोर दिया। इससे चावल की गुणवत्ता में और भी अधिक सुधार होगा तथा यह चावल की भूसी के उत्पादन के माध्यम से चावल मिलों की आय में भी वृद्धि करेगा।

डीएफपीडी सचिव ने उत्तर प्रदेश में दलहन और तिलहन के उत्पादन में वृद्धि पर भी जोर दिया जो फसलों के विविधीकरण में मदद करेगा तथा किसान की आय में वृद्धि करेगा। उन्होंने देश में मक्का के उत्पादन को बढ़ाने की आवश्यकता भी जताई। सचिव ने बताया कि, मक्का का बढ़ा हुआ उत्पादन और इसकी व्यापक खरीद से देश में एथेनॉल की आवश्यकता को पूरा करने का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे ऊर्जा संरक्षण में बहुत सहायता मिलेगी। उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों से अनुरोध किया कि, वे उत्तर प्रदेश में मक्का की खेती को बढ़ाने के लिए राज्य के किसानों को प्रोत्साहित करें।

डीएफपीडी सचिव ने राज्य सरकार से मंडियों में स्थान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया ताकि अनाज के भंडारण के लिए आधुनिक एसआईएलओ बनाने के लिए एक योजना लाई जा सके। श्री पांडेय ने उत्तर प्रदेश में ‘एक देश एक राशन कार्ड’ योजना के कार्यान्वयन की भी समीक्षा की। जिसके तहत उचित मूल्य की दुकानों पर ईपीओएस उपकरणों की स्थापना द्वारा आईटी-संचालित प्रणालियों के कार्यान्वयन के माध्यम से राशन कार्डों की देशव्यापी पोर्टेबिलिटी के ज़रिये अत्यधिक रियायती खाद्यान्न का वितरण किया जाता है। उन्होंने एनएफएसए के तहत पात्र लाभार्थियों की आधार फीडिंग पर राज्य सरकार द्वारा की गई प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त की।

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