अल फ़लाह फ्रण्ट के शमशाद खान ने रक्तदान कर बचाई मरीज़ा की जान

आज़मगढ़ की मुबारकपुर निवासी राबिया को O नेगेटिव ब्लड की ज़रूरत थी।राबिया के भाई अब्दुल्लाह ने थक हारकरअल फ़लाह फ्रण्ट( ब्लड डोनेट ग्रुप) से सम्पर्क किया तो अल फ़लाह फ्रण्ट की पूरी टीम विषेशकर अल फ़लाह फ्रण्ट अध्यक्ष और ब्लड डोनेट ग्रुप के संस्थापक ज़ाकिर हुसैन,यासिर नवाज़, रफ़ीक़, मुहम्मद शादाब,आमिर आज़मी,अली अशहद आज़मी,नदीम अरशद, सैफुल्लाह ख़ालिद,सारिम अय्यूबी, हमज़ा, आदिल और ख़लीकुर्राहमान आदि एक्टिव हो गये और लगातार 34 घण्टे की मेहनत के बाद मरीज़ा को ब्लड दिलवाने के कामयाब हुये।ब्लड देने वाले अल फ़लाह फ्रण्ट से जुड़े रफ़ीक़ के ख़ास दोस्त शमशाद रहे।उन्होंने अल फ़लाह फ्रण्ट की तरफ से ब्लड डोनेट कर मरीज़ा की जान बचाई।परिवार के लोग मायूस हो चुके थे और उन्हीने उम्मीद छोड़ दी थी लेकिन अल फ़लाह फ्रण्ट मुबारकपुर यूनिट के यासिर नवाज़ मरीज़ा के भाई अब्दुल्लाह के साथ पूरे दिन रहे और आज़मगढ़ शहर समेत कई जगहों का चक्कर लगाया।ज़ाकिर हुसैन ने बताया कि शमशाद खान की इस बेहतरीन सेवा के लिये बहोत जल्द उन्हें अल फ़लाह फ्रण्ट की तरफ से सम्मनित किया जायेगा।इस केस में एक आदमी मरीज़ा के परिवार वालों से पैसा लेकर पूरे दिन इधर उधर घुमाता रहा,अगर अल फ़लाह फ्रण्ट मरीज़ा की मदद के लिये आगे नहीं आती तो ब्लड दिलाने के नाम पर पैसे लेने वाला आदमी उनका जीवन खतरे में डाल दिया था।लेकिन हमेशा की तरह एक बार फिर अल फ़लाह फ्रण्ट एक रहमत बनकर आयी और मरीज़ा कि जान बचाई।इसअवसर पर अल फ़लाह फ्रण्ट अध्यक्ष ने बताया कि संस्था से अबतक 289 मरीज़ों को मुफ्त ब्लड दिया जा चुका है।ज़ाकिर हुसैन ने अल फ़लाह फ्रण्ट के यासिर नवाज़ के बेहतरीन कार्य के लिये उनकी जमकर प्रशंसा की और कहा कि शमशाद के साथ यासिर नवाज़ को भी अल फ़लाह फ्रण्ट बहोत जल्द सम्मानित करेगी।इस अवसर पर ज़ाकिर हुसैन ने भी बताया कि अल फ़लाह फ्रण्ट की तमाम सेवायें बिल्कुल मुफ़्त हैं।