उत्तर प्रदेश

शहरी पथ (पटरी) विक्रेताओं के आजीविका/रोजगार करने हेतु विशेष माइक्रोक्रेडिट सुविधा

लखनऊ: सचिव, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा देश के समस्त राज्यों हेतु वीडियो काॅन्फे्रन्सिंग के माध्यम से भारत सरकार द्वारा की गई घोषणा आत्मनिर्भर भारत के अन्तर्गत नई योजना ’’प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेण्डर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि)’’ का प्रस्तुतीकरण आज किया गया। योजना का मुख्य उददे्श्य लाॅकडाउन के दौरान पथ विक्रेताओं की प्रभावित हुई आजीविका में सुधार हेतु रोजगार प्रारम्भ करने के लिए ब्याज अनुदान आधारित किफायती दर पर ऋण रु0 10,000/- कार्यशील पूंजी के रुप में एक वर्ष के लिए उपलब्घ कराया जाना है। योजना की अवधि दो वर्ष (वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22) है।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के परिणामस्वरुप किये गये लाॅकडाउन से पथ विक्रेताओं/रेहड़ी वालो की आजीविका पर बहुत बुरा असर पड़ा है। आत्मनिर्भर भारत के अन्तर्गत पथ विक्रेताओं/रेहड़ी वालो को स्वावलम्बन बनाने हेतु एक विशेष माइक्रो क्रेडिट सुविधा उपलब्घ कराये जाने हेतु आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेण्डर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना का प्रारम्भ किया गया है। उक्त येाजना हेतु आयोजित वीडियो कान्फ्रेन्सिंग में उ0प्र0 शासन से श्री दीपक कुमार, प्रमुख सचिव, नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम, उ0प्र0 शासन, श्री अनुराग यादव, सचिव नगर विकास, श्री उमेश प्रताप सिंह, निदेशक, सूडा एवं डा0 काजल, निदेशक, नगरीय निकाय निदेशालय उपस्थित रही।
इस वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के उपरान्त प्रदेश में योजना के क्रियान्वयन के संबंध में नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मुलन कार्यक्रम विभाग के मंत्री, श्री आशुतोष टण्डन ने बताया कि योजनान्तर्गत वह पथ विक्रेता लाभान्वित होंगे जो 24 मार्च, 2020 से पूर्व नगरांे में विक्रय गतिविधियाॅं करते थे। योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु वह शहरी पथ विक्रेता पात्र होंगे, जिनको नगर निकाय द्वारा विक्रय प्रमाण पत्र/पहचान पत्र जारी किया गया है अथवा वह पथ विक्रेता जो नगर निकाय के सर्वे सूची में सम्मिलित है, परन्तु विक्रय प्रमाण पत्र/पहचान पत्र जारी नहीं किया गया अथवा नगर निकाय के सर्वे में छूट गये हो एवं सर्वे के पश्चात् अपने विक्रय गतिविधियाॅं प्रारम्भ की हो, उनको नगर निकाय/टाऊन वेडिंग कमेटी द्वारा सिफारिश पत्र (लेटर आॅफ रिकमेन्डेशन) द्वारा जारी किया गया अथवा वह पथ विक्रेता जो आस-पास के विकास परिनगरीय/ग्रामीण क्षेत्रों में नगरीय निकायों की भौगोलिक सीमा के भीतर बिक्री कर रहें है और उन्हें नगर निकाय/टाऊन वेडिंग कमेटी द्वारा सिफारिश पत्र (लेटर आॅफ रिकमेन्डेशन) द्वारा जारी किया गया है, योजनान्तर्गत पात्र लाभार्थी होंगे।
नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टण्डन ने बताया कि कि पथ विक्रेताओं को योजनान्तर्गत ब्याज अनुदान आधारित कार्यशील पूंजी रु0 10,000/- का ऋण एक वर्ष हेतु उपलब्ध कराया जायेगा। समय पर/समय से पूर्व ऋण वापसी करने पर 7 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज सब्सिडी भारत सरकार द्वारा दी जायेगी। योजनान्तर्गत ऋण की नियमित वापसी, डिजीटल लेन-देन पर मासिक नकदी वापसी (कैश बैक) को प्रोत्साहित किया जायेगा। प्रथम ऋण की समय पर वापसी पर अधिक ऋण कार्यशील पूंजी लेने हेतु पथ विक्रेता पात्र होगा। शहरी पथ विक्रेताओं को अनुसूचित वाणिज्यक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लधु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, गैर बैकिंग वित्तीय कम्पनियाॅं, सूक्ष्म वित्त संस्थाए अपने बैकिंग काॅरेस्पोंडेट (बीसी)/सूक्ष्म-वित्त संस्था (एमएफआई) के एजेन्ट से सम्पर्क कर मोबाइल ऐप/पोर्टल में दस्तावेज अपलोड करने में मदद् करेंगे।
श्री टण्डन ने बताया कि योजना प्रदेश के समस्त 707 नगर निकायों (17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद एवं 490 नगर पंचायत) में क्रियान्वित किया जाना है। समस्त नगर निकायों में टाऊन वेडिंग कमेटी (टीवीसी) का गठन कर लिया गया है। नगरीय निकायों द्वारा अद्यतन लगभग 03 लाख पथ विक्रेताओं को सर्वेक्षण के माध्यम से चिन्हित कर लिया गया है। उक्त पथ विक्रेताओं में से अधिकांश पथ विक्रेताओं के आधार नम्बर, मोबाइल नम्बर, बैंक खाता संख्या प्राप्त कर लिये गये है। इस प्रकार योजना के दिशा निर्देशानुसार जून माह में की जाने वाली प्रारम्भिक गतिविधियाॅं नगर निकाय स्तर पर प्रारम्भ कर दी गयी है। शीघ्र ही सहभागी बैंकिग संस्थाओं के साथ राज्य स्तर पर बैठक कर ऋण वितरण की कार्यवाही को अन्तिम रुप दिया जायेगा, ताकि 01 जुलाई, 2020 से पथ विक्रेताओं को ऋण उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जा सके।

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