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भारतीय मसालों के लिए ब्लॉकचेन-संचालित ट्रेसेबिलिटी इंटरफेस विकसित करने की खातिर स्पाइसेज बोर्ड इंडिया और यूएनडीपी इंडिया के एक्सलेरेटर लैब ने सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की अधीनस्थ इकाई स्पाइसेज बोर्ड इंडिया और यूएनडीपी (संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम) इंडिया के एक्सलेरेटर लैब ने आज एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया जिसका उद्देश्य आपूर्ति श्रृंखला और व्यापार में पारदर्शिता लाने की खातिर भारतीय मसालों के लिए ब्लॉकचेन आधारित ट्रेसेबिलिटी इंटरफेस विकसित करना है।

ब्लॉकचेन एक खुले और साझा इलेक्ट्रॉनिक लेजर पर लेनदेन रिकॉर्ड करने की विकेंद्रीकृत प्रक्रिया है। यह किसानों, दलालों, वितरकों, प्रोसेसर, खुदरा विक्रेताओं, नियामकों और उपभोक्ताओं वाले एक जटिल नेटवर्क में डेटा प्रबंधन को आसान बनाता है और पारदर्शिता लाने में मदद करता है औरइस तरह से आपूर्ति श्रृंखला को सरल बनाता है। यह किसानों को आपूर्ति श्रृंखला के अन्य सभी सदस्यों की तरह ही उन सूचनाओं को पाने की मंजूरी देगा जो आगे की आपूर्ति श्रृंखला को और अधिक कुशल और न्यायसंगत बनाती हैं।

यूएनडीपी और स्पाइसेज बोर्ड इंडिया किसानों को बाजारों से जोड़ने के लिए स्पाइसेज बोर्ड इंडिया द्वारा विकसित किए गए ई-स्पाइस बाजार पोर्टल के साथ ब्लॉकचेन ट्रेसेबिलिटी इंटरफेस को एकीकृत करने की दिशा में काम कर रहे हैं। ब्लॉकचेन इंटरफेस का डिजाइन 21 मई तक तैयार होने की उम्मीद है। यह परियोजना आंध्र प्रदेश के चुनिंदा जिलों में मिर्च और हल्दी की खेती में लगे 3,000 से अधिक किसानों के साथ शुरू की जाएगी।

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स्पाइसेज बोर्ड इंडिया के सचिव श्री डी साथियन ने कहा कि भारत दुनिया में मसालों का सबसे बड़ा निर्यातक, उत्पादक और उपभोक्ता है। भारत का मसाला निर्यात 2019-20 के दौरान 3 अरब डॉलर के मील के पत्थर को पार कर गया और हमारे अनुमानों से पता चलता है कि हम 2020-21 के दौरान एक नया मुकाम हासिल करेंगे। दुनिया के बाजारों में भारतीय मसालों के निर्यात को बढ़ावा देने वाली एजेंसी स्पाइस बोर्ड इन उपलब्धियों से खुश है और इस क्षेत्र में और विकास को बढ़ावा देना चाहेगा।

श्री साथियन ने कहा कि वैश्विक मसालों और खाद्य क्षेत्र में बदलते क्रम ने मूल्य संवर्धन के लिए बुनियादी ढांचे के विकास, गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा के लिए प्रमाणीकरण, ट्रेसेबिलिटी सिस्टम के कार्यान्वयन, मसालों को बढ़ावा देने, प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले गुणों को उजागर करने, आदि की प्रासंगिकता में वृद्धि की है। बोर्ड सेक्टर के हितधारकों को मदद करने और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है ताकि भारत को दुनिया के लिए स्वच्छ और सुरक्षित मसालों का प्रमुख गंतव्य बनाया जा सके।

उन्होंने कहा कि यूएनडीपी-स्पाइसेज बोर्ड की यह संयुक्त पहल सभी हितधारकों के लिए मसाला मूल्य श्रृंखला को कुशल, पारदर्शी और न्यायसंगत बनाने के हमारे सफर में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस ट्रेसेबिलिटी इंटरफेस से उपभोक्ता के विश्वास को बढ़ाने और निर्यात के लिए मसालों की सोर्सिंग की सुविधा के साथ-साथ स्थानीय मूल्यवर्धन और उपयोग की सुविधा मिलने की उम्मीद है। सफल प्रदर्शन पर, बोर्ड देश के सभी प्रमुख मसालों और क्षेत्रों को कवर करने के लिए इस इंटरफेस की पहुंच का विस्तार करना चाहेगा, और यूएनडीपी से निरंतर भागीदारी और समर्थन की उम्मीद करता है।

यूएनडीपी इंडिया कीप्रतिनिधि सुश्री शोको नोडा ने सहयोग को लेकर कहा, “हमें विश्वास है कि ब्लॉकचेन इंटरफेस, मसाले की खेती करने वाले किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने और उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगा। यह प्रौद्योगिकी, व्यापार भागीदारों और उपभोक्ताओं को माल और लेनदेन को लेकर विश्वसनीय और सुरक्षित डेटा उपलब्ध कराके महामारी से प्रभावित हुई आपूर्ति श्रृंखलाओं के पुनर्निर्माण में भी मदद कर सकती है।”

स्पाइसेज बोर्ड के बारे में जानकारी

मसाला बोर्ड वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत काम करने वाले पांच कमोडिटी बोर्ड में से एक है। यह एक स्वायत्त निकाय है जो 52 अनुसूचित मसालों के निर्यात प्रोत्साहन और इलायची (छोटे और बड़े) के विकास के लिए जिम्मेदार है। मसाला बोर्ड के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं: (i) छोटी और बड़ी इलायची के घरेलू विपणन का अनुसंधान, विकास और विनियमन; (ii) फसल कटाई के बाद सभी मसालों में सुधार; (iii) सभी मसालों के निर्यात प्रोत्साहन और प्रौद्योगिकी उन्नयन, गुणवत्ता प्रबंधन, ब्रांड संवर्धन, अनुसंधान और उत्पाद विकास में निर्यातकों की मदद करना; (iv) उत्तर पूर्व में मसालों का विकास; (v) गुणवत्ता मूल्यांकन सेवाओं के माध्यम से निर्यात के लिए मसालों की गुणवत्ता का विनियमन; आदि।

यूएनडीपी के बारे में जानकारी

यूएनडीपीग्रह की रक्षा करते हुए गरीबी उन्मूलन के लिए 170 देशों और क्षेत्रों में काम करता है। हम देशों की मजबूत नीतियों, कौशल, साझेदारी और संस्थानों को विकसित करने में मदद करते हैं ताकि वे अपनी प्रगति को बनाए रख सकें। यूएनडीपी ने 1951 से भारत में मानव विकास के लगभग सभी क्षेत्रों में काम किया है। इनमें प्रणालियों को मजबूत करने से लेकर समावेशी विकास और स्थायी आजीविका तथा सतत ऊर्जा, पर्यावरण एवं लचीलापनआदि शामिल हैं। यूएनडीपी के कार्यक्रम आमूलचूल परिवर्तन के लिए वैश्विक दृष्टि को भारत की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथएकीकृत करने में लगे हैं। लगभग हर राज्य में जमीनी स्तर पर 30 से अधिक परियोजनाओं के साथ, आजयह अलग तरीके से विकास करने के लिए पारंपरिक मॉडलों को बदलकर सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम करता है।

और जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:

स्पाइसेज बोर्ड इंडिया

सुरेश कुमार पीएम

निदेशक

संपर्क ब्योरा: sureshkumar.pm@nic.in

नितिन जो

उप निदेशक

संपर्क ब्योरा:nithin.joe@nic.in

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