देश-विदेश

पहला इंडिया स्टैक डेवलपर सम्मेलन आयोजित किया गया

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के सचिव श्री अलकेश कुमार शर्मा, नासकॉम की अध्यक्ष श्रीमती देबजानी घोष और एनईजीडीके अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अभिषेक सिंह की उपस्थिति में  इंडिया स्टैक डेवलपर के पहले सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से सीएक्सओ/एमडी/संस्थापक स्तर पर उद्योग संघों, उद्योग, सिस्टम इंटीग्रेटर्स और स्टार्ट-अप के 100 से अधिक डिजिटल हस्तियों ने भाग लिया था। इस कार्यक्रम में जी20 देशों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

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सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर

श्री राजीव चंद्रशेखर ने अपने संबोधन में कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य उन देशों के लिए इंडिया स्टैक की पहुंच बढाना और इसे अधिकाधिक अपनाया जाना है, जो अपनी आवश्यकताओं के अनुसार इसे अपनाने और एकीकृत करने के इच्छुक हैं और स्टार्टअप्स, डेवलपर्स और अगली पीढ़ी के नवाचार पर इसके आसपास काम करने वाले सिस्टम इंटीग्रेटर्स के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम बनाना है। श्री चंद्रशेखर ने कहा, “एक राष्ट्र के रूप में हमारा मिशन इंडिया स्टैक या स्टैक के हिस्से को दुनिया भर के उन उद्यमों और देशों को पेश करना है, जो नवाचार करना चाहते हैं और डिजिटल परिवर्तन को एकीकृत, निष्पादित और कार्यान्वित करना चाहते हैं।”

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सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर

यह कहते हुए कि इंडिया स्टैक स्थिर नहीं है, श्री चंद्रशेखर ने कहा, “आज हमारे पास #IndiaStack 1.0 है। यह अधिक सूक्ष्म, बुद्धिमान और परिष्कृत हो जाएगा, और समय के साथ विकसित होता रहेगा। डेटा डेटासेट और एआई का उपयोग करना इंडिया स्टैक की इनोवेशन यात्रा का हिस्सा होगा।”

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सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर

इससे पहले, एनईजीडी के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अभिषेक सिंह ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया और सम्मेलन के संदर्भ को निर्धारित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि उद्योग के साथ विचार-विमर्श के शीर्ष पर नवाचार करना है और सभी के लाभ के लिए इसे वैश्विक कैसे बनाना है। नैसकॉम अध्यक्ष श्रीमती देबजानी घोष ने कहा कि इंडिया स्टैक देश में डिजिटल परिवर्तन लेकर आया है। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल माध्यमों का उपयोग करके भारत ने 46 वर्षों के अनुमानित आंकड़े की तुलना में 6 वर्षों में 80 प्रतिशत जनसंख्या के लिए वित्तीय समावेशन का लक्ष्य हासिल किया है। इलेक्ट्रॉनिक एवं आईटी मंत्रालय के सचिव श्री अल्केश कुमार शर्मा ने कहा कि डिजिटल इंडिया ने वास्तव में भारतीय समाज को सशक्त बनाया है और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन मुख्य रूप से इंडिया स्टैक पर हितधारकों के साथ जुड़ने और इसे वैश्विक बनाने पर उनके विचारों को ध्यान में रखने के लिए है।

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सम्मेलन को संबोधित करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के सचिव श्री अलकेश कुमार शर्मा

संबंधित संगठन के प्रमुख और/या उनके प्रतिनिधियों द्वारा आधार, राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (एनडीएचएम), एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई), डिजिलॉकर, उमंग, एपीआई सेतु, दीक्षा, ई-संजीवनी, सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) जैसे इंडिया स्टैक सॉल्यूशंस पर प्रस्तुतियां दी गईं। प्रस्तुति की एक प्रति https://indiastack.globaपर अपलोड की गई है।

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उद्योग के साथ बाद के विचार-विमर्श में, मुख्य क्रियाकलाप निम्नानुसार किए गए थे: इरूट टेक्नोलॉजीज के सह-संस्थापक श्री अभिषेक सक्सेना ने अपनी बात को साझा करते हुए कहा कि आधार के कारण, केवाईसी के लिए समय-सीमा कुछ दिनों से घटकर अब कुछ सेकंड तक रह गई है। उन्होंने फेस-ऑथ की सटीकता के बारे में पूछताछ की, जिस पर यूआईडीएआई के सीईओ श्री सौरभ गर्ग ने कहा कि यह फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन से बेहतर है और आईआरआईएस आधारित ऑथेंटिकेशन के करीब है। सीटीओ श्री गोलक सिमली ने सुझाव दिया कि आगे सुधार के लिए मांग पर स्केलिंग और कार्यबल और कार्यक्षेत्र के मध्य और गतिशीलता पहलू में लोकतंत्रीकरण रखने पर विचार किया जा सकता है। मैक्सिकन दूतावास के प्रतिनिधि श्री रिकार्डो डेनियल डेलगाडो मुनोज ने मंत्री स्तर के विचार-विमर्श में इंडिया स्टैक को अपनाने में अपनी रुचि व्यक्त की। प्रोटीन के एमडी और सीईओ श्री सुरेश सेठी ने सर्टिफाइड इंडिया स्टैक डेवलपर्स एंड सिस्टम इंटीग्रेटर्स की उपयोगिता की ओर इशारा किया और सर्टिफाइड इवेंजीलाइजर्स को विदेशों में इंडिया स्टैक की अवधारणा के मुद्दे से निपटने का सुझाव दिया। सेंटर फॉर डिजिटल इकोनॉमी पॉलिसी के अध्यक्ष डॉ. जयजीत भट्टाचार्य ने डिजीलॉकर के लिए नए उपयोग संबंधी मामले और एपीआई सेतु पर लचीलेपन तक पहुंच का सुझाव दिया। डिजीओटेक के सह-संस्थापक और सीईओ श्री अभिनव पराशर  ने भूमि रिकॉर्ड से संबंधित डेटा पर एपीआई के लिए मुद्दा बनाया और राज्यों के बीच डेटा संरचना और भाषा के मामले को उठाया। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के सीओओ श्री माधिवानन बालकृष्णन ने सुझाव दिया कि इंडिया स्टैक को अगले स्तर पर ले जाने के लिए 30-40 उपयोग संबंधी मामलों का पता लगाया जा सकता है, और डेवलपर्स को इन समस्याओं को हल करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। अभिनव सुझावों में प्रति विभाग एक एपीआई भी शामिल है, ताकि केवल मेटाडेटा साझा किया जा सके और इंडिया स्टैक को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जा सके।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के सचिव श्री अल्केश कुमार शर्मा ने समापन टिप्पणी में कहा कि इंडिया स्टैक ग्लोबल को साकार करने और उद्योग, एसआई और स्टार्टअप्स के कार्यान्वयन से जुड़े भागीदारों के बीच विचार-विमर्श के लिए नियोजित कई इंडिया स्टैक डेवलपर सम्मेलनों में से आज यह पहला सम्मेलन है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत स्टैक समाधानों के बीच सहमति और एपीआई आधारित डेटा का  आदान-प्रदान समग्र सरकार की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नेशनल डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क और डेटा मैनेजमेंट ऑफिस पर काम किया जा रहा है और ये इस क्षेत्र में काम करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि उद्योग भागीदारों द्वारा लाए गए बहुभाषी मुद्दों को डिजिटल भाषिनी परियोजना से निपटाया जा रहा है और भाषण से भाषण अनुवाद के लिए पीओसी को चिकित्सा परामर्श के लिए आजमाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जी20 देशों के लिए स्पीच टू स्पीच ट्रांसलेशन लागू करने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने इंडिया स्टैक सॉल्यूशंस और उद्योग, सिस्टम इंटीग्रेटर्स और स्टार्ट-अप्स के मालिक सरकारी विभागों के बीच कार्रवाई और घनिष्ठ सहयोग का आह्वान किया, ताकि इंडिया स्टैक के शीर्ष पर नवाचार किया जा सके और इसे अन्य इच्छुक देशों में ले जाया जा सके।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के तहत एनईजीडी के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अभिषेक सिंह द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ सम्मेलन की समाप्ति हुई।

कृपया देखें: सम्मेलन के दौरान की गई प्रस्तुतियों को यहां देखा जा सकता है: https://indiastack.global

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