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भविष्य में प्रचुर संभावनाएं हैं, विनिर्माण तथा निर्यात दोनों को ही महामारी के बाद के परिदृश्य में योगदान देना होगा: श्रीमती पटेल

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने छोटे तथा मझोले उद्यमों (एसएमई) से उत्पादकता बढ़ाने तथा स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में प्रौद्योगिकी अपनाने की अपील की है। आज यहां प्रथम फिक्की उद्योग 4.0 पुरस्कार समारोह तथा सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए श्रीमती पटेल ने उद्योग को सरकार से सहायता का आश्वासन दिया तथा उनसे ‘उद्योग 4.0′ को श्रेणी-2 एवं श्रेणी -3 शहरों तक पहुंचाने का आग्रह किया।

श्रीमती पटेल ने कहा, ‘‘उद्योग 4.0 को अपनाने का कार्य हम सबको एक साथ मिल कर करना होगा। विनिर्माण तथा निर्यात दोनों को ही योगदान देना होगा क्योंकि आप सभी जानते हैं कि महामारी के बाद के परिदृश्य में आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई है और हमारे लिए, देश के लिए भविष्य में प्रचुर संभावनाएं निहित हैं।”

श्रीमती पटेल ने कहा कि तीन औद्योगिक क्रांतियों के बाद अब हम चौथी औद्योगिक क्रांति- ‘उद्योग 4.0′  की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं जो उत्पादकता, दक्षता बढ़ाने तथा स्थिरता, जलवायु परिवर्तन के मुद्दों के समाधान एवं ऐसे अन्य प्रासंगिक विचारों के अंगीकरण के लिए लक्षित उत्पादन के सभी स्तरों पर ऑटोमेशन तथा डाटा एक्सचेंज का ट्रेंड है।

इसका उल्लेख करते हुए कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का भारत @ 2047 के लिए एक व्यापक विजन है। श्रीमती पटेल ने कहा कि सरकार अगले 25 वर्षों में अमृतकाल के दौरान भारत को बदलने के लिए प्रतिबद्ध है।

श्रीमती पटेल ने कहा कि उद्योग को भी बड़ा योगदान देना है और यह योगदान उद्योग 4.0 के अंगीकरण की दिशा में आगे बढ़ना हो सकता है। उद्योग सेक्टर व्यापक रूप से ऐसे आर्थिक विकास में योगदान दे सकता है जो स्थायी भी हो तथा समावेशी भी।

श्रीमती पटेल ने कहा कि विनिर्माण तथा निर्यात दोनों ही अमृतकाल के दौरान भारत के विकास के वाहक होंगे। उन्होंने पीएलआई तथा ईओडीबी सहित विनिर्माण को सुगम बनाने तथा भारत-यूएई सीईपीए और भारत-ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए जैसे विभिन्न एफटीए को आगे बढ़ाने के जरिये निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार की पहलों को सूचीबद्ध किया।

श्रीमती पटेल ने कहा कि सरकार उद्योगों के लिए मैत्रीपूर्ण तथा अनुकूल वातावरण सृजत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज, भारत सरकार की भूमिका एक विनियामक से बदल कर एक सुगमकर्ता की हो गई है …हमने औद्योगिक बुनियादी ढांचे के सृजन पर काफी जोर दिया है, हम अनुपालनों के बोझ में कमी लाने के लिए बहुत अधिक प्रयास कर रहे हैं, नेशनल सिंगल विंडो (सिस्टम) पोर्टल लांच किया गया, हमने व्यवसाय करने की सुगमता के संबंध में कई स्थानों की छलांग लगाई है। ‘‘

श्रीमती पटेल ने कहा कि केवल पांच वर्षों के दौरान ही भारत अमेरिका तथा चीन के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है और पिछले महीने ही हमने 100 यूनिकॉर्न वाला देश बनने का गौरव हासिल किया है।

उन्होंने कहा कि जरा स्टार्टअप की यात्रा पर दृष्टि डालें और यूनिकॉर्न की यह लहर अभी भी आगे बढ़ रही है, यह बहुत मजबूत होती जा रही है, यह उछाल लगातार जारी है, मुझे नहीं पता कि इस वर्ष में हम इसकी कितनी और अधिक संख्या देख सकते हैं।

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