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राष्ट्रपति ने लखनऊ स्थित कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय यू.पी. सैनिक स्कूल के हीरक जयंती उत्सव के समापन समारोह का गौरव बढ़ाया

राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द ने लखनऊ में कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय यू.पी. सैनिक स्कूल के हीरक जयंती उत्सव के समापन समारोह का गौरव बढ़ाया और उसे संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सम्पूर्णानंद की प्रतिमा का भी अनावरण किया, डॉ. सम्पूर्णानंद के नाम पर एक सभागार का उद्घाटन किया और विद्यालय की क्षमता दोगुनी किए जाने की परियोजना व स्कूल में एक बालिका छात्रावास के भवन का शिलान्यास किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय यू.पी. सैनिक स्कूल देश में स्थापित प्रथम सैनिक स्कूल है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि यह स्कूल पहला सैनिक स्कूल भी है, जिसने लड़कियों को शिक्षा प्रदान करना शुरू किया है। यह पहला सैनिक स्कूल होगा जहां कि छात्राएं इस साल एनडीए की परीक्षा में शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि यहां के शिक्षक और छात्रों ने श्रेष्ठ प्रदर्शन की परंपरा स्थापित की है और अन्य सैनिक स्कूलों के लिए अच्छे प्रतिमान निर्धारित किए हैं।

राष्ट्रपति ने कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय को याद करते हुए कहा कि राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा हेतु उनके बलिदान के लिए हम उनके और उनके परिवार के हमेशा ऋणी रहेंगे। कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय ने वीरता और बलिदान की अद्भुत और अमर गाथा लिखी है। वे सभी सैनिक स्कूलों के छात्रों में से एकमात्र सैनिक हैं, जिन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया है।

डॉ. सम्पूर्णानंद को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि जब भारत स्वतंत्र हुआ तो उनके जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने ऐसी पीढ़ियों को तैयार करने के बारे में सोचा जो लंबे संघर्ष के बाद हासिल की गई अमूल्य स्वतंत्रता की रक्षा और एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकें। उनके अनुसार जहां ज्ञान है, वहां शक्ति है। उनके विचार से छात्रों के मस्तिष्क में जिज्ञासा और हृदय में विनम्रता होनी चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि डॉ. सम्पूर्णानंद और कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय जैसे व्यक्तित्वों का एक समान आदर्श है। यह आदर्श राष्ट्र के गौरव के लिए सब कुछ समर्पित कर देने की भावना है। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि ऐसे आदर्शों को ध्यान में रखते हुए इस विद्यालय के छात्र व शिक्षक इस सैनिक स्कूल की प्रतिष्ठा को और अधिक बढ़ाएंगे व राष्ट्र सेवा के गौरवशाली अध्याय लिखेंगे।

वीवीआईपी आवाजाही के दौरान यातायात प्रतिबंधों, जिससे लोगों को असुविधा होती है, के बारे में राष्ट्रपति ने कहा कि वे भारत के राष्ट्रपति होने के अलावा देश के एक संवेदनशील नागरिक भी हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों को इस तरह से लागू किया जाए जिससे सामान्य यातायात में कम से कम बाधा उत्पन्न हो। उन्होंने प्रशासन से वीवीआईपी आवाजाही के लिए अधिकतम 15-20 मिनट के प्रतिबंधों को लागू करने का तरीका तैयार करने और ऐसे प्रतिबंधों के समय भी एम्बुलेंस जैसे आपातकालीन वाहनों को गुजरने देने का आग्रह किया। उन्होंने लोगों से यातायात नियमों का पालन करने और यातायात अनुशासन बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करने का भी अनुरोध किया।

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