उत्तर प्रदेश

देश में वित्तीय समावेशन का कार्य तेजी से किया जा रहा है: सूर्य प्रताप शाही

लखनऊ: मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में सहकारिता क्षेत्र आने वाले समय में नई ऊँचाईयों तक पहुंचेगा। उ0प्र0 के सहकारिता विभाग को देश में नं-01 बनाने का संकल्प लिया गया और हम इस संकल्प को शीघ्र ही पूर्ण कर लेंगे। यह बातें सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जेपीएस राठौर ने सहकारिता भवन के पीसीयू सभागार में आयोजित 69वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह के समपान दिवस के अवसर कही।

14 से 20 नवम्बर, 2022 तक चलने वाले 69 वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह के आखिरी दिन आज सहकारिता भवन के पीसीयू सभागार में उ0प्र0 को-ओपरेटिव बैंक लि0 तथा उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 के संयुक्त तत्वाधान में “वित्तीय समावेशन, पैक्स का डिजिटलीकरण और सुदृढ़ सहकारी डेटाबेस” विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का शुभारम्भ कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही तथा सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जेपीएस राठौर ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

गोष्ठी को संबोधित करते हुए श्री राठौर ने कहा कि सहकारी सप्ताह के अवसर पर पिछले सात दिनों में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई, नि:संदेह इसका लाभ सहकारिता क्षेत्र को आगे बढ़ाने में होगा। उन्होने कहा कि हमारे देश में वित्तीय समावेशन का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इसका उद्देश्य उन लोगों तक आसानी से तथा कम लागत के साथ वित्तीय सेवाओं को पहुंचाना है, जो अभी तक इससे अछूते है। उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेशन के असली कर्णधार हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी है।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि को-आपरेटिव बैंकिग को सुदृढ किया जा रहा है, उन्होने इसके लिए नाबार्ड तथा आरबीई से सहयोग की अपेक्षा की। श्री राठौर ने कहा कि सहकारिता को गांव-गांव तक पहुंचाना है, जिससे इसका लाभ अंतिम पायदान के व्यक्ति को भी मिल सके, इसमें कई समस्यायें एवं चुनौतियों सामने आयेंगी। लेकिन अगर हम मन में संकल्प ले लें, तो कोई कार्य मुश्किल नहीं होगा। श्री राठौर ने कहा कि प्राथमिक सहकारी समितियों (पैक्स) को सक्रिय किये जाने तथा डिजिटलीकरण का कार्य किया जा रहा है। प्रत्येक पैक्स पर कर्मचारियों की नियुक्ति की जायेगी तथा इनको बहुउद्देशीय बनाया जायेगा। सभी पैक्स का डेटाबेस आधुनिक तरीके से तैयार किया जा रहा है।

प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सहकारिता निरन्तर ऊचाईयां छू रहा है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व विगत 08 वर्षों में अमूल-चूल परिवर्तन हुये है। जनधन योजना के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों के खाते खोले गये है। योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थी के खाते में भेजा जा रहा है। उन्होने कहा कि सहकारिता विभाग को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री जी द्वारा अथक प्रयास करके सहकारिता में भ्रष्टाचार को खत्म किया गया है। उनके द्वारा सहकारिता में विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है एवं अधिक क्रियाशील करने हेतु रणनीति तैयार की गयी है तथा सहकारिता मंत्री द्वारा इस रणनीति पर कार्य किया जा रहा है।

कृषि मंत्री ने कहा कि को-आपरेटिव एवं उ0प्र0 ग्राम सहकारी बैंको द्वारा सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिए सस्ते दर पर ऋण दिया जा रहा है, जो यह दर्शाता है कि सहकारिता अब सक्षमता के साथ आगे की ओर बढ़ रही है। उन्होने कहा कि सहकारी बैंक ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छा कार्य कर रही है। कृषि अवस्थापना निधि (ए.आई.एफ.) सहकारी क्षेत्र को और अधिक मजबूती दे सकता है। उन्होने कहा कि अधिक से अधिक पैक्स समितियों को सक्रिय करने कि आवश्यकता है, जिससे कि आत्मनिर्भर ग्रामीण क्षेत्र को खड़ा किया जा सके। आत्मनिर्भर गांव एवं आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए सहकारिता की साख को मजबूत करना पड़ेगा। उन्होने सहकारिता विभाग द्वारा संचालित किये गये साप्ताहिक कार्यक्रम की बधाई एवं शुभकामनायें दी।

गोष्ठी में महाप्रबंधक नाबार्ड श्री संजय कुमार बोरा ने कहा कि वित्तीय समावेशन में को-ओपरेटिव बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होने कहा कि आज को-ओपरेटिव बैंक की सेवायें गांव-गांव तक पहुंच रही है। गोष्ठी को क्षेत्रीय निदेशक भारतीय रिजर्व बैंक डा0 बालू केनचप्पा, पूर्व मुख्य प्रबंधक नाबार्ड श्री के.के. गुप्ता, सभापति एल.डी.बी. श्री सन्तराज यादव, सभापति यू.पी.सी.बी. श्री तेजवीर सिंह तथा उप सभापति यू.पी.सी.बी. श्री जितेन्द्र बहादुर सिंह ने संबोधित किया। इस अवसर पर उ0प्र0 ग्राम सहकारी बैंक के लाभार्थियों को ऋण स्वीकृति पत्र तथा कृषि अवस्थापना निधि (ए.आई.एफ.) के लाभार्थियों को प्रशस्ति पत्र दिया गया।

गोष्ठी में प्रमुख सचिव सहकारिता श्री बी.एल.मीणा, विशेष सचिव सहकारिता श्री अच्छेलाल यादव, अपर आयुक्त एवं अपर निबन्धक (प्रशासन) श्री के.पी.सिंह, प्रबन्ध निदेशक एल.डी.बी. आर. के. कुलश्रेष्ठ, प्रबन्ध निदेशक यू.पी.सी.बी.श्री बी.के. मिश्र आदि उपस्थित रहे।

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