उत्तर प्रदेश

यह धरती भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की लीला भूमि के साथ ही गोसेवा की भूमि भी है: मुख्यमंत्री

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद मथुरा में ग्राम-आझई स्थित भक्तिवेदांत गुरुकुल इस्कॉन परिसर में श्री श्रीकृष्ण बलराम मन्दिर का लोकार्पण तथा कृष डेयरी एवं इनोवेशन सेन्टर (दुग्ध प्रसंस्करण केन्द्र) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने भक्तिवेदान्त गुरुकुल इण्टरनेशनल स्कूल के विद्यार्थियों को सम्बोधित किया तथा परिसर में संचालित गोशाला को भी देखा। जनपद भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री जी ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान मन्दिर में दर्शन-पूजन किया तथा पं0 दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान के अतिथि गृह परिसर में पौधरोपण किया। उन्होंने जनपद के विकास कार्याें की समीक्षा भी की।
मुख्यमंत्री जी ने जनप्रतिनिधियों तथा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जनपद मथुरा के विकास कार्याें की समीक्षा की। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश देते हुए कहा कि आम जनता को स्वच्छता, सुरक्षा एवं सुविधा उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार का कर्तव्य है। मथुरा से राया सड़क निर्माण के कार्यों में तेजी लायी जाए तथा सड़कों का चौड़ीकरण करते हुए स्ट्रीट लाईट, अण्डर ग्राउण्ड केबलिंग आदि कार्याें को सुगमता के साथ किया जाये। गो-संरक्षण की समुचित व्यवस्था करें। मथुरा-वृन्दावन की यातायात व्यवस्था तथा श्रीबांके बिहारी जी मन्दिर के आस पास व्यवस्थित रूप से भीड़ को नियन्त्रित करने का कार्य किया जाए, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मथुरा-वृन्दावन के विकास की बेहतर योजनायें बनायें, जिससे देश-विदेश के लोग आकर्षित हों और ब्रजभूमि पर्यटन का केन्द्र बने। उन्होंने धार्मिक स्थलों की साफ-सफाई, ब्रजभूमि को प्लास्टिक मुक्त करने तथा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के कार्य करने के निर्देश दिये। श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को बेहतर सुविधा देने के लिए धर्मशाला, होटल एवं पार्किंग आदि को विकसित किया जाये। अधिकाधिक निराश्रित गोवंशों को संरक्षित करते हुए गोशालाओं में पहुंचायें।
मुख्यमंत्री जी ने भक्तिवेदान्त गुरुकुल इण्टरनेशनल स्कूल के विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से ब्रज क्षेत्र 5000 वर्ष बाद भी श्रद्धा के साथ जुड़ा हुआ है। यहां की रज-रज में बांके बिहारी भगवान श्रीकृष्ण तथा राधा रानी के दर्शन होते हैं। इस्कॉन की स्थापना भक्तिवेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद जी ने की थी। वे एक सन्यासी थे। ‘हरे कृष्णा मूवमेंट’ के माध्यम से उन्होंने इस्कॉन अर्थात कृष्णभावनाभावित संघ की स्थापना की थी। स्वामी जी का जन्म वर्ष 1896 में बंगाल में हुआ था। उन्होंने पूरी दुनिया में इस कार्यक्रम को अपने पूज्य गुरुदेव श्रील भक्तिसिद्धान्त सरस्वती गोस्वामी महाराज जी के आदेश पर फैलाने का काम किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके माध्यम से दुनिया में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को तथा श्रीमद्भगवद्गीता के ज्ञान, भक्ति तथा वैराग्य के सही भाव को आमजन तक पहुंचाने का कार्य स्वामी प्रभुपाद जी महाराज ने उस समय किया था। आज भी उनके अनुयायी इस कार्यक्रम से ऊर्जा के साथ जुड़े हुए हैं। स्वामी प्रभुपाद जी ने अपने समय में दुनिया में 108 से अधिक मन्दिरों का निर्माण कराया। आज दुनिया में सैकड़ों की संख्या में मन्दिरों की स्थापना के साथ ही श्रीकृष्ण की भक्ति और उनके ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वृन्दावन में 1976 में गुरुकुल की स्थापना हुई थी। आज यह भक्तिवेदांत गुरुकुल और इण्टरनेशनल स्कूल कुशलतापूर्वक संचालित हो रहा है। आज यहां पर दो नई कड़ियां जुड़ी हैं। भगवान श्रीकृष्ण और बलराम जी की प्रतिमा के मन्दिर में स्थापित होने का कार्यक्रम तथा दुग्ध प्रसंस्करण केन्द्र के लोकार्पण कार्यक्रम यहां पर सम्पन्न हुए हैं। यहां की गौशाला में उन्नत नस्ल के भारतीय गोवंश उन्हें देखने को मिले।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्नदाता किसानों तथा पशुपालकों की आमदनी को बढ़ाने के लिए दुग्ध के साथ ही दुग्ध उत्पादों को प्राथमिकता देनी होगी। इसके लिए भारतीय नस्ल के गोवंश की उन्नत नस्ल की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश पं0 दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान, मथुरा में स्थापित है। संस्थान द्वारा इस दिशा में अच्छा कार्य प्रारम्भ हुआ है। भारतीय नस्ल के गोवंश की सुरक्षा तथा संरक्षण के साथ ही इसकी नस्ल के सुधार की दिशा में विश्वविद्यालय के साथ मिलकर सार्थक प्रयासों को आगे बढ़ाना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए राज्य सरकार और भारत सरकार ने अनेक योजनाएं चलायी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निराश्रित गोआश्रय स्थल प्रारम्भ किये गये हैं। वर्तमान में प्रदेश की गोशालाओं में 09 लाख से अधिक गोवंश संरक्षित हैं। प्रदेश सरकार ने सहभागिता योजना के माध्यम से 01 लाख से अधिक गोवंश किसान परिवारों को दिये हैं। प्रत्येक गोवंश के लिए 900 रुपये प्रतिमाह उन परिवारों को दिये जा रहे हैं। कुपोषित परिवारों को एक-एक दुधारु गाय दी गयी है। उसकी देखभाल के लिए 900 रुपये प्रतिमाह उस परिवार को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसे एक जनान्दोलन बनाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर गांव में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से दुग्ध समितियों का गठन करना होगा, जो घर-घर से दुग्ध एकत्र कर सके और वह दूध डेयरी में पहुंच सके। दूध को ज्यादा समय तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है। दूध से दही, मक्खन, घी या अन्य उत्पाद बनाकर अच्छा दाम मिल सकता है और किसानों की आमदनी बढ़ायी जा सकती है। वैल्यू एडिशन के लिए आवश्यक है कि दुग्ध की प्रोसेसिंग की जाए। इस्कॉन द्वारा यहां स्थापित प्रोसेसिंग सेण्टर को क्वालिटी के साथ ही वैल्यू एडिशन से जोड़ दें तो हमारे पशुपालकों को कई गुना दाम मिलना प्रारम्भ हो जाएगा। मुख्यमंत्री जी ने इस्कॉन को इस शुरुआत के लिए धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह धरती भगवान के अवतार की धरती है। लोग श्रद्धा भाव के साथ यहां आते हैं। दुनिया के कई देशों में इस्कॉन जैसी संस्थाओं द्वारा भागवत धर्म की जो सेवा की गयी है, वह अभिनन्दनीय तथा अविस्मरणीय है। मुख्यमंत्री जी ने भागवत धर्म की सेवा के लिए स्वामी श्रील प्रभुपाद को नमन करते हुए कहा कि यह धरती भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की लीला भूमि के साथ ही गोसेवा की भूमि भी है। यहां की मिट्टी नमकीन तथा पानी खारा है। इसके दो ही समाधान हैं, एक, वर्षा के जल का संरक्षण करना तथा दूसरा, भारतीय नस्ल के गोवंश के जीवामृत और घनामृत का छिड़काव करके इस धरती को किसी भी प्रकार के विष से मुक्त करना। शुद्धि के लिए घनामृत और जीवामृत सबसे अच्छा माध्यम होगा। यह धरती तथा जल के खारेपन को दूर कर सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज गाय केवल दुग्ध देने तक ही सीमित नहीं है। इसे हम नेचुरल फार्मिंग से भी जोड़ सकते हैं। इस वर्ष बरसात एक माह विलम्ब से चल रही है। जिन स्थानों पर फर्टिलाइजर, केमिकल तथा पेस्टिसाइड का ज्यादा प्रयोग हुआ था, वहां लगातार बारिश होने पर फसलों को नुकसान हुआ, लेकिन जहां पर नेचुरल फार्मिंग के माध्यम से जीवामृत और घनामृत का उपयोग कर प्रगतिशील किसानों ने इनिशियेटिव लिया, वहां फसलों को नुकसान नहीं हुआ, अच्छी फसल हुई। धरती की शुद्धि के साथ-साथ फसल की शुद्धि और अच्छा उत्पादन भी हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम भारतीय नस्ल के गोवंश के गोमय व गोमूत्र से तमाम उत्पाद बना सकते हैं। आज गोमय व गोमूत्र से सी0एन0जी0 भी बन रही है। मथुरा में इसके लिए एक प्लाण्ट लगा हुआ है। बदायूं में भारतीय नस्ल के गोवंश के गोमूत्र से पेंट का निर्माण हो रहा है। पुराने समय में भारत में हर घर की पुताई गाय के गोबर से की जाती थी, यह शुद्ध माना जाता था। आज उससे पेंट बन रहा है। इस पेंट से पुताई करेंगे, तो और भी प्रभावी होगा। यहां कार्यक्रम मे उपस्थित डॉ0 लक्ष्मीधर मेहरा जी एक वैज्ञानिक एवं आई0आई0टी0, मण्डी के डायरेक्टर हैं। यदि वे इस शोध को आगे बढ़ाएं तो यह अच्छा कार्य होगा। बहुत से लोग इससे प्रेरणा प्राप्त करेंगे। इस कार्य को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस्कॉन जैसी संस्थाओं को इस दिशा में नेतृत्व प्रदान करना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस पर विशेष जोर दिया है। देश में प्राकृतिक खेती के लिए बोर्ड बन चुका है। राज्य में प्राकृतिक कृषि बोर्ड बनाने के लिए कदम उठाये गये हैं। प्रदेश सरकार अन्नदाता किसानों को हर प्रकार का सहयोग प्रदान करते हुए इन्सेंटिव दे रही है। सभी संस्थाओं को इसके साथ जुड़ना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षा, धार्मिक और आध्यात्मिक जागरण, भक्ति तथा वेदांत के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के साथ ही हमें आस्था का सम्मान करना है। स्वावलम्बन के मार्ग पर अधिक से अधिक लोगों को अग्रसर करने की दिशा में भी हमारा प्रयास प्रारम्भ होना चाहिए। इस्कॉन जैसी संस्थाएं इस प्रकार के कार्यक्रमों से जुड़ेंगी, तो उसके अच्छे परिणाम सामने आएंगे। यहां स्थापित होने वाले दुग्ध प्रोसेसिंग सेण्टर में दूध व दूध के उत्पाद बनेंगे, इसके लिए पूरे मथुरा में इस्कॉन के माध्यम से अधिक से अधिक दुग्ध उत्पादक संगठन तथा दुग्ध समितियों का गठन होना चाहिए। इन्हें इस्कॉन के साथ जोड़ने के कार्यक्रम चलें तो स्वाभाविक रूप से भगवान श्रीकृष्ण गोेसेवा के साथ स्वयं जुड़े हुए थे, जिसके कारण उनका नाम गोपाल पड़ा, वह सार्थक होता हुआ दिखायी देगा। इस प्रकार के सेण्टर सभी तहसील स्तरों पर बनाकर दुग्ध उत्पादन और उसके वैल्यू एडिशन के माध्यम से पशुपालकों और अन्नदाता किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने में मदद मिल सकती है। ग्राम स्वराज की परिकल्पना भी आर्थिक स्वावलम्बन के माध्यम से प्रशस्त हो सकती है। राज्य सरकार का हर सकारात्मक कार्यक्रम के साथ पूरा सहयोग प्राप्त होगा।
इस अवसर पर गन्ना विकास एवं चीनी मिलें मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, सांसद श्रीमती हेमा मालिनी, उ0प्र0 ब्रजतीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष श्री शैलजा कान्त मिश्र सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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