उत्तर प्रदेश

नैमिषारण्य एवं प्रयागराज को पर्यटन के लिहाज से विकसित कर विभिन्न बुनियादी सुविधायें सुलभ कराकर पर्यटकों को किया जायेगा आकर्षित: जयवीर सिंह

लखनऊः भारत सरकार द्वारा चयनित स्थलों के समेकित पर्यटन विकास हेतु योजना तैयार कराये जाने के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार, पर्यटन विभाग उ0प्र0 एवं संबंधित जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित डेस्टिनेशन मैनेजमेंट कमेटी के मध्य भारत सरकार की अपेक्षानुसार त्रिपक्षीय एमओयू 29 मार्च, 2023 को हस्ताक्षरित कराया गया।
यह जानकारी आज यहां प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने देते हुए बताया कि प्रदेश में पर्यटन की असीमित संभावनाओं को देखते हुए विन्ध्याचल, नैमिषारण्य, प्रयागराज, अयोध्या, चित्रकूट, संकिसा, आगरा, कानपुर, महोबा, झांसी, गोरखपुर, कुशीनगर, बटेश्वर एवं कपिलवस्तु के चर्चित पर्यटन स्थलों को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने हेतु स्वदेश दर्शन स्कीम द्वितीय की गाइडलाइन के अनुसार प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे गये थे। जिसमें से प्रयागराज तथा नैमिषारण्य के प्रस्ताव को भारत सरकार द्वारा मंजूरी प्रदान की गयी है।
29 मार्च, 2023 को निष्पादित किये गये त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर पर्यटन विभाग उ0प्र0 के महानिदेशक श्री मुकेश कुमार मेश्राम एवं जिलाधिकारी प्रयागराज श्री संजय कुमार खत्री एवं जिलाधिकारी सीतापुर श्री अनुज सिंह ने हस्ताक्षर किये। उन्होंने बताया कि स्वदेश दर्शन स्कीम 2.0 के तहत चयनित स्थलों के समेकित पर्यटन विकास हेतु योजना तैयार कराये जाने के लिए विशेषज्ञों की टीम के चयन की कार्यवाही पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के स्तर पर की जा रही है।
श्री जयवीर सिंह ने बताया कि विशेषज्ञों के टीम के चयन के उपरान्त चिन्हित स्थलों नैमिषारण्य एवं प्रयागराज के समेकित पर्यटन विकास हेतु डीपीआर तैयार कराकर अग्रेतर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि पर्यटन सेक्टर में रोजगार तथा विकास के लिए असीमित संभावनायें हैं। देश की अर्थव्यवस्थायें पर्यटन सेक्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसको दृष्टिगत रखते हुए जनपद प्रयागराज तथा नैमिषारण्य को पर्यटन गन्तव्य के स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा।

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