उत्तर प्रदेश

निर्दोष फिलिस्तीनियों पर इजरायली बमबारी के खिलाफ अरब देश चुप क्यों हैं: मौलाना कलबे जवाद नकवी

लखनऊ: शहीद जनरल कासिम सुलैमानी और अबू मेहंदी अल-मोहन्दिस की शहादत पर, इमामे जुमा मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने आज एक बयान में कहा कि 9 फरवरी 2020 को संयुक्त रूप से बडे इमामबाडे में अमेरिकी आतंकवादी हमले में शहीद हुए सभी शहीदों के चहलुम की मजलिस दिन में 1 बजे आयोजित होगी। मौलाना ने कहा कि लखनऊ की सभी मातमी अंजुमनों की बैठक में यह फेसला लिया गया है। मौलाना ने कहा कि इस मजलिस में लखनऊ सहित आस पास के इलाकों से भी ओलमा,जनता और अंजुमनें हिस्सा लेंगी।
मौलाना ने फिलिस्तीनियों पर जारी इजरायल के आतंकी हमलों की निंदा करते हुए कहा कि अरबों को उनकी गै़रत के लिए जाना जाता है, लेकिन इज़रायली आतंकवादी हमलों में कितने निर्दोष फिलिस्तीनियों को रोज़ मारा जा रहा है, लेकिन इन अरब देशों के कानों पर ज्यिं तक नहीं रेंगती। इन अरब देशों की गे़रत उस समय कहाँ मर जाती है जब इजरायल मज़लूम फिलिस्तीनियों पर बमबारी करता है? हजारों फिलीस्तीनी इजरायल के हमलों में मारे गए हैं, लेकिन कोई भी उनके समर्थन में बोलने के लिए तैयार नहीं है। आखिरकार, सऊदी अरब और उसके सहयोगी देश इजराइली आतंकवाद पर चुप क्यों हैं?
मौलाना ने कहा कि फिलिस्तीन में सुन्नी मुसलमान बहुमत में है,उसके बावजूद, ईरान, जो कि एक शिया देश है, फिलिस्तीन के मज़लूमों के लिए पुरी ताकत के साथ समर्थन में खडा है। ईरान से इजरायल और अमेरीका की दुश्मनी का एक बड़ा कारण फिलिस्तीनियों का समर्थन करना है। अगर ईरान आज फिलिस्तीनियों का समर्थन करना बंद कर दे तो अमेरिका भी खुश होगा, और इजरायल भी। लेकिन ईरान हमेशा फिलिस्तीनियों के समर्थन में रहा है, और जहां कहीं भी दुनिया भर में मज़लूमों को सताया और मारा जा रहा है, ईरान ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है।
मौलाना ने कहा कि भारतीय मुसलमानों को समझना चाहिये कि कोनसा इस्लामी देश उनका समर्थक है, और कोनसा देश इस्लाम और मुसलमान का दुशमन है? सऊदी अरब अमेरिका और इज़राइल का एक ज़रख़रीद गुलाम है, जिसने अब तक फिलिस्तीन के उत्पीड़ितों और दुनिया भर में जहां भी अत्याचार हो रहा हे उसके खिलाफ एक शब्द नहीं कहा है, इसलिए मुसलमानों कों िइसकी वास्तविकता को समझना बहुत महत्वपूर्ण है।

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