उत्तर प्रदेश

जनता के सवालों पर क्यों मौन हैं प्रधानमंत्री- अजय राय

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व मंत्री श्री अजय राय जी ने प्रधानमंत्री मोदी जी के अमरोहा लोकसभा क्षेत्र में आज हुए चुनावी भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज मोदी जी मोहम्मद शामी की तारीफ भरे मंच से कर रहे हैं जबकि 2021 में इन्हीं के लोग थे, और इन्हीं की बोई नफ़रत की सियासत थी जब पाकिस्तान से हुए एक मैंच में अच्छी गेंदबाजी न कर पाने के कारण मोहम्मद शामी को गद्दार तक घोषित कर दिया गया था। भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए धर्म का सहारा लेती है, आज एक बार फिर पीएम मोदी वही पुरानी स्क्रिप्ट पढ़ते नजर आए।

श्री राय ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने हर भाषण में भारत की भोली भाली जनता को छलते हैं। वो यूरिया के बढ़ते हुए दामों पर चर्चा तो नहीं करते मगर अमेरिका से तुलना जरूर करते हैं। प्रधानमंत्री जी यह भूल जाते हैं कि अमेरिका की प्रति व्यक्ति प्रतिदिन आय 19415 रूपये है, वहीं भारत की प्रति व्यक्ति प्रतिदिन आय मात्र 620 रूपये है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि महंगाई से पीड़ित आम आदमी के जख्मों पर मरहम लगाने के बजाय प्रधानमंत्री विकसित देशों का उदाहरण देकर बच निकलने का रास्ते देखते हैं।

श्री राय ने कहा कि प्रधानमंत्री यह नहीं बताते कि क्यों यूपी में गन्ने की कीमतें 360 रुपये प्रति कुन्तल पर अटकी हुई हैं? क्यों अगल बगल के राज्यों जैसे हरियाणा में 391 रुपये प्रति कुन्तल, पंजाब में 386 रुपये प्रति कुन्तल, से भी बहुत कम क्यों हैं? प्रधानमंत्री यह भी नहीं बता पर रहे कि क्यों पिछले 3 वर्षों में खेती की बढ़ती लागत से खेती का क्षेत्रफल लगभग 4000 हेक्टेयर कम हो गया है? प्रधानमंत्री इस सवाल पर भी मौन हैं कि क्यों गन्ना किसानों का भुगतान समय से नहीं हो पा रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय राय ने कहा कि पीएम मोदी अपने भाषण में सामाजिक न्याय की बात तो करते हैं लेकिन जाति जनगणना के नाम पर चुप्पी साध लेते हैं। आज प्रधानमंत्री मोदी ने बाबा साहब अम्बेडकर का ज़िक्र तो किया लेकिन इन्ही की पार्टी के सांसद और नेता संविधान बदलने की बात कह रहे हैं, जो ये दर्शाता है कि यह सिर्फ बाबा साहब अंबेडकर का नाम राजनैतिक रोटियां सेंकने के लिए इस्तेमाल करते रहें हैं।

श्री अजय राय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी जिस लहजे और भाषा में राहुल गांधी जी एवं अखिलेश यादव जी के बारे में बात करते हैं वह बहुत ही सतही और सस्ती ज़बान है। यह सोचकर ही शर्म आती है कि यह भाषा हमारे देश के प्रधानमंत्री की है।

Related Articles

Back to top button