राजनीति

महाराष्ट्र में हिंसा और कांग्रेस नेताओं की हिंदुत्व पर टिप्पणी एक साजिश का हिस्सा : भाजपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर हिंदुत्व को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। पार्टी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में थी, तब भारत आंशिक रूप से एक ‘मुस्लिम राष्ट्र’ था। तब शरिया प्रावधान कानूनी व्यवस्था का हिस्सा था और उसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर तवज्जो देने के उपाय किए गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि त्रिपुरा में मस्जिदों को निशाना बनाए जाने की ‘झूठी’ खबरों को लेकर महाराष्ट्र में हुई हिंसा और कांग्रेस नेताओं की हिंदुत्व पर हमला करने वाली टिप्पणी एक साजिश का हिस्सा है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि क्या वह महाराष्ट्र में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को हिंदुत्व को बदनाम करने और सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए एक संगठित अभियान चलाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं? उन्होंने कहा कि राज्य में एक प्रशिक्षण शिविर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए राहुल ने हिंदू धर्म और हिंदुत्व के बीच अंतर होने की बात कही थी और हिंदुत्व पर निशाना साधा था। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद द्वारा आरएसएस-भाजपा की विचारधारा से जुड़े हिंदुत्व की तुलना आतंकवादी इस्लामी संगठनों के साथ करने के बाद भाजपा आक्रामक हो गई है। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि शिवाजी का शासन हिंदू धर्म से भी जुड़ा था। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जैसे नेता इस अवधारणा को नहीं समझ सकते हैं और उन्हें महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक और जवाहरलाल नेहरू जैसे अपनी पार्टी के दिग्गजों को पढ़ना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि नेहरू ने लिखा था कि ‘हिंदू’ शब्द को भारतीय पहचान के व्यापक संदर्भ में समझा जा सकता है और इसे संकीर्ण रूप से नहीं देखा जाना चाहिए।

तीन तलाक और हज सब्सिडी को लेकर भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में भारत आंशिक रूप से एक मुस्लिम राष्ट्र था। उन्होंने शाहबानो केस का जिक्र करते हुए कहा कि वे ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि शरिया प्रावधान संवैधानिक व्यवस्था का हिस्सा था। शरिया प्रावधानों को प्राथमिकता देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को खारिज किया गया।

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