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यूएस यात्रा के दौरान वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधियों से बातचीत की।

नई दिल्लीः अमेरिका के साथ मजबूत व्यावसायिक संबंधों को आगे बढ़ाने तथा द्विपक्षीय व्यापार मामलों को हल करने के लिए केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग तथा नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने यूएस के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक करने के लिए 10-12 जून, 2018 को अमेरिका की यात्रा की।

यात्रा के दौरान मंत्री महोदय ने यूएस के प्रमुख अधिकारियों से परिचर्चाएं की। इन प्रमुख अधिकारियों में शामिल हैं- अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि, रॉबर्ट ई लाइटथाइज़र, वाणिज्य सचिव, श्री विल्बर एल रॉस और कृषि सचिव, श्री सोनी पर्ड्यू। मंत्री महोदय ने इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष सीनेट सदस्य मार्क रॉबर्ट वार्नर तथा सीनेट सदस्य जॉन कोर्नीइन से भी मुलाकात की। सद्भावनापूर्ण माहौल में हुई इन बैठको में दोनों पक्षों ने एक दूसरे के दृष्टिकोण की सरहाना की। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और व्यावसायिक संबंधों पर वार्ताएं हुई। दोनों पक्षों की चिंताओं को इस तरीके से हल करने का प्रयास किया गया कि दोनों ही देश लाभ कि स्थिति में रहे। दोनों पक्षों में इस बात पर सहमति जताई कि अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक निकट भविष्य में आयोजित की जानी चाहिए।

यात्रा के दौरान वाणिज्य मंत्री ने व्यापार समुदाय से भी बातचीत की। यूएस-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) तथा यूएस भारत रणनीतिक सहयोग फोरम (यूएसआईएसपीएफ) द्वारा आयोजित बैठकों में मंत्री महोदय ने उद्योग जगत के प्रमुख व्यक्तियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने भारत द्वारा किए जा रहे आर्थिक सुधारों जैसे जीएसटी, मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्टार्ट अप के लिए कोष (एफएफएस), डिजीटल इंडिया, ई-कॉमर्स आदि का जिक्र किया। श्री सुरेश प्रभु ने भारतीय कंपनियों द्वारा अमेरिकी विमानों की खरीद तथा भारत द्वारा अमेरिका से पेट्रोलियम व एलएनजी की खरीद से आपसी व्यापार में होने वाली वृद्धि का जिक्र किया। इन खरीदों से 2017 के दौरान द्विपक्षीय व्यापार घाटे में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि भारत के आर्थिक विकास से नए अवसरों का सृजन होगा। इससे दोनों देशों के बीच संतुलित व्यापार संबंध का निर्माण होगा।

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