उत्तर प्रदेश

यूरिया लेने को मच रही मारा मारी, किसान परेशान

चिलकाना क्षेत्र मे यूरिया खाद की किल्लत अभी भी बरकरार है सहकारी समितियों पर किसानों मे खाद लेने के लिये भीड़ की मारा मारी अभी भी कम नही हो रही। जिसे लेकर किसानों के साथ साथ समितियों का स्टाफ भी परेशान है।

मंगलवार को क्षेत्र की सभी सहकारी समितियों पर विभाग द्वारा एक एक ट्रक अर्थात 330 कट्टे यूरिया खाद भेजा गया था। जिसकी भनक लगते ही सवेरे से ही सहकारी समितियों पर किसानों की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी थी, जो दिन चढने के साथ बढती गयी। सहकारी समिति चिलकाना के सचिव जूबैर अहमद के अनुसार समिति पर आये सभी 330 कट्टे वितरित कर दिये गये उन्होंने बताया कि किसान की जमीनी हैसियत के अनुसार दो कट्टे से 6 कट्टे तक किसान को दिये गये। इसके बावजूद अनेक किसान खाद लेने के लिये परेशान नजर आये।

उधर बुड्ढाखेड़ा समिति पर किसानो की भीड़ को भांपते हुये समिति सचिव प्रभारी अंकुर बंसल बुलाकर पुलिस बुलाकर किसानों को खाद वितरित करना पड़ा। जबकि सहकारी समिति पटनी के सचिव प्रभारी कुलदीप शर्मा ने बताया कि समिति पर खाद देर से उतरने के कारण कल बुधवार को यूरिया खाद बांटा जायेगा। जिस कारण समिति पर किसान इंतजार ही करते रह गये। मौसम हो रहा ठंडा, बढऩे लगी परेशानियां

सर्दी बढ़ने के साथ गरीब लोगों के लिए परेशानियां भी बढ़ने लगी है। प्रशासन ने सुबह-शाम पड़ने लगी सर्दी से बचाव के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की है।

दिसंबर का आधा महीना समाप्त हो गया है, इसके साथ ही सर्दी का बढ़ना भी आरंभ हो गया है। पिछले कुछ दिनों से चल रहे मौसम के उतार-चढ़ाव से लोग नजला-जुकाम से परेशान होने लगे थे। अब दो दिन से सुबह व शाम के समय सर्दी का बढऩा आरंभ हो गया है। सर्दी को देखते हुए सुबह घूमने वालों की संख्या में भी कमी आ गई है। खास तौर से दिल के मरीज एहतियात के तौर पर घर से बाहर सुबह के समय नहीं निकल रहे हैं। दिन में धूप निकलने के कारण लोगों को आराम मिल रहा है, अन्यथा सुबह शाम गरम कपड़े पहनने पड़ रहे हैं। सर्दी बढऩे के बावजूद गरीब लोगों की मदद के लिए अभी तक कोई भी सरकारी या गैर सरकारी संस्था सामने नहीं आई है। तहसील प्रशासन व नगरपालिका परिषद ने भी अभी तक सर्दी से बचाव के लिए रैन बसेरे को छोड़ कर अन्य कोई व्यवस्था नहीं की है। समाज सेवी संस्थाओं ने भी अभी तक कंबल आदि के वितरण की व्यवस्था नहीं की है, हालांकि मंगलवार को आसमान में बादलों ने धूप का रास्ता रोकने का बार-बार प्रयास किया।

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