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लैंडफिल साइट से कचरे का होगा वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण

नई दिल्ली : दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त ज्ञानेश भारती ने बताया कि दक्षिणी निगम तेहखंड में दिल्ली की पहली इंजीनियर्ड सेनेटरी लैंडफिल साइट का निर्माण कर रहा है। इंजीनियर्ड सेनेटरी लैंडफिल साइट पारंपरिक लैंडफिल साइटों से अलग होती है जहां एक ओर पारंपरिक लैंडफिल साइटों पर कूड़े का ढेर लगा दिया जाता है जिसके कारण जहरीले पदार्थ रिसकर धरती में चले जाते हैं जिसकी वजह से भूजल एवं मृदा प्रदूषित हो जाते हैं वहीं दूसरी ओर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम द्वारा बनाई जा रही इंजीनियर्ड सेनेटरी लैंडफिल साइट पर कूड़े का निस्तारण तकनीकी एवं वैज्ञानिक तरीके से किया जायेगा, जिसमे सबसे पहले मीटर गड्ढा खोदकर मिट्टी की परत  डाली जाएगी फिर बाद में परत लाइनर की डाली जाएगी इसके बाद पाइपलाइन डाली जाएगी जिसके ऊपर एक परत लाइनर एवं एक परत मिट्टी डालकर साइट इस्तेमाल के लिए तैयार हो जायेगी। इस प्रकार निर्माण के तरीके की वजह से कूड़े से निकलने वाले लीचेट पदार्थ भूजल एवं मिट्टी को प्रदूषित नही कर पाते। उन्होंने कहा की तेहखंड में डी.डी.ए. द्वारा निगम को 47.5 एकड़ भूमि का आवंटन  किया गया था जिसमें से 15 एकड़ भूमि पर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट एवं बची हुई 32.5 एकड़ भूमि पर ई-एसएलआर बनाई जा रही है जिसकी निर्माण लागत लगभग 42.3 करोड़ रुपए है। इस ई-एसएलआर का प्रयोग निगम द्वारा ओखला में संचालित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट एवं तेहखंड में निर्माणाधीन वेस्ट टू एनर्जी प्लांट द्वारा 3600 मीट्रिक टन प्रतिदिन कूड़े को संसाधित करने के पश्चात लगभग 360 मीट्रिक टन प्रतिदिन राख  को निस्तारित करने के काम आएगा। ज्ञानेश भारती ने बताया कि तेहखंड स्थित यह इंजीनियर्ड सेनेटरी लैंडफिल साइट मार्च 2023 से आरंभ हो जायेगी।

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