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सिविल सोसायटी की सक्रिय भागीदारी से ही सुशासन संभवः केरल के राज्यपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) पी. सतशिवम

नई दिल्ली: केरल के राज्यपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) पी. सतशिवम ने कहा है कि प्रशासनिक व्यवस्था का उद्देश्य समाज का कल्याण सुनिश्चित करने में सरकार की नीतियों को लागू करना होना चाहिए। न्यायमूर्ति सतशिवम तिरूअनंतपुरम में सुशासन पर दो दिन के क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सिविल सोसायटी की सक्रिय भागीदारी से लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत बनाये बिना सुशासन संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के कार्य में लगे प्रत्येक व्यक्ति के लिए संविधान की समझ आवश्यक है और इसी के साथ प्रशासन में सुधार प्रारंभ किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज और इसके दृष्टिकोण में हमेशा परिवर्तन होता है। इसलिए ऐसे सकारात्मक परिवर्तनों के साथ प्रशासन को चलना होगा।

राज्यपाल ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक कल्याण योजनाओं को लागू करने का कारगर और सक्षम तरीका अपनाया जाना चाहिए ताकि लाभ लक्षित लाभार्थी तक पहुंचे।

भारत सरकार के प्रशासनिक विभाग के सचिव श्री के.वी. ई. यापेन ने अपने संबोधन में बताया कि केरल में बाढ़ के दौरान सरकार तथा राज्य की जनता द्वारा चलाये गये बचाव और राहत कार्य सुशासन का प्रमुख उदाहरण है। केरल के मुख्य सचिव श्री टॉम जोस ने कहा कि नागरिकों और देश के हितों के बीच समन्व्य से ही सुशासन संभव है। दो दिन के सम्मेलन में पश्चिम और दक्षिण भारत के 10 से अधिक राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

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