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राष्‍ट्रीय संग्रहालय की कलात्‍मक कृतियों से भारत के अतीत और गौरव को समझने में सहायता मिलेगी : उपराष्‍ट्रपति

नई दिल्ली: उपराष्‍ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि राष्‍ट्रीय संग्रहालय में प्रदर्शित कलात्‍मक कृतियों से इतिहास में रुचि रखने वालों और कला प्रेमियों को महान अवसर मिलता है और उन्‍हें भारत के अतीत तथा उसके गौरव को समझने में मदद मिलती है। उन्‍होंने कहा कि प्रदर्शनी में भारत के शिल्‍पकारों की शानदार कलात्‍मक कृतियां रखी गई हैं। उन्‍होंने कहा कि इस संकलन में आभूषण बनाने की शानदार कला शामिल है, जो लम्‍बे दौर से गुजरने के बाद विकसित हुई है।

वे आज यहां राष्‍ट्रीय संग्रहालय के अधिकारियों के साथ बात कर रहे थे। उन्‍होंने संग्रहालय में ‘भारत के रत्‍न : निजाम का आभूषण संकलन’ नामक एक विशेष प्रदर्शन का अवलोकन भी किया। उपराष्‍ट्रपति के साथ उनकी धर्मपत्‍नी श्रीमती उषा नायडू भी थीं।

श्री नायडू ने कहा कि उन्‍हें इस बात की खुशी है कि राष्‍ट्रीय संग्रहालय में लगभग दो लाख कलात्‍मक कृतियां रखी गई हैं, जिनमें भारत के अलावा विदेशी कलाकृतियां भी हैं। इन कलाकृतियों से भारत की समृ‍द्ध सांस्‍कृतिक धरोहर का पता चलता है। उन्‍होंने राष्‍ट्रीय संग्रहालय और भारतीय रिजर्व बैंक की सराहना करते हुए कहा कि इन संस्‍थानों ने 173 बहुमूल्‍य आभूषण और रत्‍नों के दुर्लभ संकलन को संजोकर रखा है।

उपराष्‍ट्रपति ने इस विशेष प्रदर्शनी का आयोजन करने के लिए राष्‍ट्रीय संग्रहालय के महानिदेशक डॉ. बी आर मणि और संस्‍कृति मंत्रालय के क्‍यूरेटरों की प्रशंसा भी की।

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