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भारतीय नौसेना ने जहाजों तथा पनडुब्बियों की रीफिट तथा अवसंरचना तैयारियों की समीक्षा की

नई दिल्ली: भारतीय नौसेना का वार्षिक रीफिट सम्मेलन (एआरसी) तथा वार्षिक अवसंरचना सम्मेलन (एआईसी) 18 फरवरी, 2020 को पूर्वी नौसेना कमान विशाखापत्तनम मुख्यालय में प्रारंभ हुआ। दो दिन के सम्मेलन की अध्यक्षता वाइस एडमिरल जी.एस. पब्बी, एवीएसएम, वीएसएम चीफ ऑफ मेटेरियल (सीओएम) एकीकृत मुख्यालय, रक्षा मंत्रालय (नौसेना) ने की। सम्मेलन में नौसेना मुख्यालय, नौसेना के तीनों कमान, तीनों सेनाओं की अंडमान तथा निकोबार कमान, पोर्ट ब्लेयर, डॉकयार्ड, मरम्मत यार्ड तथा नौसेना के मेटेरियल संगठनों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। प्रतिनिधि भारतीय नौसेना के सभी जहाजों और पनडुब्बियों को रीफिट करने (फिर से दुरुस्त करने) की योजनाओं पर चर्चा करेंगे और भारतीय नौसेना की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अवसंरचना को मजबूत बनाने की योजना तैयार करेंगे।

अपने उद्घाटन भाषण में वाइस एडमिरल अतुल कुमार जैन, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, ईएनसी ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया और नौसेना प्लेटफॉर्मों की युद्ध उपलब्धता सुनिश्चित करने में किए जा रहे समर्पित प्रयासों की सराहना की। उन्होंने समुद्र में प्लेटफॉर्मों के सतत संचालन की दिशा में नौसेना रिपेयर यार्ड की भूमिका की सराहना की।

चीफ ऑफ मेटेरियल (सीओएम) ने अपने संबोधन में कर्मियों तथा सामग्री की सुरक्षा पर फोकस के साथ जहाजों तथा पनडुब्बियों को रीफिट करने की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए इस आयोजन की सराहना की। सम्मेलन में बढ़ी हुई सक्षमता/समुद्री इकाईयों की क्षमता पर विशेष बल के साथ व्यापक रूप से रीफिट से संबंधित तकनीकी तथा लॉजिस्टिक पहलुओं पर विचार किया गया। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की भावना के साथ अधिक से अधिक स्वदेशीकरण पर फोकस करने का आग्रह किया।

वार्षिक अवसंरचना सम्मेलन 19 फरवरी, 2020 को होगा, जिसमें आधुनिकीकरण तथा मरम्मत मजबूती और रीफिटिंग अवसंरचना में प्रगति की समीक्षा की जाएगी, ताकि भारतीय नौसेना के हथियारों की घातक बढ़त बनाई रखी जा सके।

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