उत्तर प्रदेश

विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर लोक कला संग्रहालय में चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन

लखनऊः लोक कला संग्रहालय, लखनऊ की शैक्षिक क्रार्यक्रम के अर्न्तगत 27 सितम्बर, 2021 (सोमवार) को ’’विश्व पर्यटन दिवस’’ के अवसर पर संग्रहालय प्रांगण में ’’चित्रकला प्रतियोगिता’’ का आयोजन पूर्वान्ह 11ः30 बजे किया गया। क्रार्यक्रम में सहाय सिंह बालिका इण्टर कालेज, नरही एवं सरस्वती विद्यालय इण्टर कालेज, लखनऊ के लगभग 30 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग लिया। बच्चों की चित्रकला प्रतियोगिता में कक्षा 06 से कक्षा 12 तक के बच्चों ने विभिन्न प्रकार के कलात्मक फूलों डिजाइनो एवं देश की आजादी में भाग लेने वाले हस्तियो, स्वरूपों को विभिन्न प्रकार स्केच पेन, पेन्सिल वर्क, मारकर पेन से शेडेड पोर्टेट को कार्डशीट पर अपने बाल मन के मनोभावों की अभिव्यक्ति की, जिसे देखकर हर व्यक्ति का मन अत्यधिक प्रफुल्लित हुआ बच्चों में भी उत्साहवर्धन रहा।
कार्यक्रम का शुभारम्भ का डॉ0 मीनाक्षी खेमका, प्रभारी संग्रहालयध्यक्ष, लोक कला संग्रहालय, लखनऊ द्वारा किया गया। जिसमें लोक कला संग्रहालय, लखनऊ के समस्त कर्मचारी, श्रीमती माधुरी कीर्ति, सुश्री छाया यादव, श्रीमती सीमा श्रीवास्तव, श्रीमती विद्यावती, श्री जितेन्द्र कुमार, श्री सुरेश चन्द्र, एवं उ0 प्र0 संग्रहालय निदेशालय, एवं राज्य संग्रहालय के भी कर्मचारी उपस्थित थे।
सभी प्रतिभागियों को चित्रकला बनाने हेतु कार्डशीट, रबड़, पेन्सिल तथा स्केच कलर, इत्यादि कुछ सामग्री संग्रहालय द्वारा प्रदान की गयी। कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों द्वारा बनायी गयी चित्रकला को डॉ0 मीनाक्षी खेमका, प्रभारी संग्रहालयध्यक्ष, लोक कला संग्रहालय, लखनऊ, द्वारा प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा तीन सांत्वना पुरस्कार हेतु चयनित किया गया। जिसमें प्रथम पुरस्कार-सुश्री अनिशा कुमारी, सहाय सिंह बालिका इण्टर कालेज, लखनऊ, तथा द्वितीय स्थान-सुश्री तनुजा., सरस्वती विद्यालय कन्या इण्टर कालेज एवं तृतीय स्थान-.सुश्री संध्या कश्यप, सहाय सिंह बालिका इण्टर कालेज, लखनऊ, तथा सांत्वना-सुश्री नाजिया., सरस्वती विद्यालय इण्टर कालेज,सांत्वना- सुश्री शिवानी सैनी., सरस्वती विद्यालय कन्या इण्टर कालेज ने पुरस्कार प्राप्त किये। प्रतियोेगिता में प्रतिभाग करने वाले समस्त प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं सूक्ष्म जलपान भी संग्रहालय द्वारा प्रदान किये गये।
इस अवसर पर उपस्थित, उ0प्र0 संग्रहालय निदेशालय, लखनऊ के निदेशक, डॉ0 आनन्द कुमार सिंह सभी बाल प्रतिभागियों का उत्साह वर्धन करते हुए बताया कहा कि बच्चे ही देश का भविष्य है, तथा बच्चें अपने मनोभावों द्वारा विचारों को बहुत ही सहज एवं सुन्दर ढ़ंग से व्यक्त करते है। संग्रहालय ज्ञान का वातायन एवं भविष्य का शिक्षक है ।
प्रभारी संग्रहालयाध्यक्ष द्वारा कहा गया कि यूं तो हर विषय का अध्यापन अपनी खास विशेषताएं लिए होता है मगर आर्टस एण्ड क्राफ्ट का अध्यापन अन्य विषयों से हटकर है। यद्यपि हर कला का एक हुनर है परन्तु इसे सीखना इससे भी बड़ा हुनर है, तथा इसके लिए मै इन अध्यापिकाओं की सराहना करती हूॅ, जिन्होने बच्चों की प्रतिभा को निखारने में अहम भूमिका निभा रही है। विद्यार्थियों के साथ सहज तालमेल एवं उन्हें प्रेरित करने में निश्चय ही इनकी अहम भूमिका है जो छात्रों की क्षमता को पहचानकर उन्हें अभिव्यक्त करने हेतु प्रेरणादायी सिद्ध होती है।
इस प्रतियोगिता में अतिथिगण, वरिष्ठ पत्रकार, एवं उच्चाधिकारी तथा अन्य दर्शकगण भी उपस्थित रहें। कार्यक्रम मे उ0 प्र0 संग्रहालय निदेशालय, लखनऊ राज्य संग्रहालय लखनऊ तथा लोक कला संग्रहालय, लखनऊ के कर्मचारी गण सुश्री छाया यादव, वीथिका सहायक कम वरिष्ठ लिपिक, श्रीमती सीमा श्रीवास्तव, लिपिक/टंकक, श्रीमती विद्यावती, श्री जितेन्द्र कुमार, श्री सुरेश चन्द्र, एवं अजय सभी कर्मचारी उपस्थित रह कर कार्यक्रम को सुव्यवस्थित सम्पादित कराया। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 मीनाक्षी खेमका द्वारा किया गया।

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