उत्तर प्रदेश

सफलता की कहानी -29, पहले निकाला ग्रामीणों से डर, फिर लगाई वैक्सीन

सरकार द्वारा ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 के संक्रमण को कारगर ढंग से रोकने के लिए जहां एक ओर व्यापक जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर लोगों को टीकाकरण के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।ग्रामीणों में तेजी से जागरुकता आ रही है और लोग टीकाकरण के लिये अपनी बारी का बेसब्री से इंतजार कर रह हैं।लेकिन अभी भी कहीं कही चुनौतियां भी सामने आ रही है जिसका निराकरण सरकारी कर्मचारी बखूबी कर रहे है।इसकी एक बानगी पिछले दिनों बाराबंकी जिले के सिसौदा गांव में देखे को मिली जब कोविड-19 जागरुकता टीम गांव पहुंची .टीम के लोग गांव वालों को मास्क,सामाजिक दूरी और बार बार हाथ धोने के फायदे तथा टीकाकरण के बारे में बता रहे थे।तभी गांव के ही कुछ शरारती तत्वों ने टीम के बारे में अफवाह फैलायी और पास बह रही नदी में चले गये।इस पर टीम के लोगों के सामने एक नई चुनौती आ खड़ी हुई ।लेकिन चुनौतियों का सामना करने की आदी सरकारी टीम के सदस्य खुद पानी मे उतर गये ,समझा बुझाकर बाहर लाये।बाद में गांव के लोगों ने कोविड-19 के संक्रमण की गंभीरता को समझा और टीम को पूरी तौर पर सहयोग करने का आश्वासन दिया।गांव के ही गणेश प्रसाद ब्रांड अंबेस्डर के रुप में सामने आये और उन्होंने सभी के सामने अपना टीकाकरण कराया।पीआईबी के साथ बातचीत मे श्री गणेश प्रताप ने कहा कि टीका ही एक मात्र संक्रमण से बचने का उपाय है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में पूरे देश में व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है।हम सभी का कर्तव्य है कि हम इसमें सहयोग करें और देश को करोना मुक्त बनाने में के सपने को पूरा करे।गणेश प्रसाद की इस पहल पर गांव के और लोग भी सामने आये और उन्होंने शरारती तत्वो की आलोचना करते हुये टीकाकरण अभियान का समर्थन किया।बाराबंकी के मुख्य चिकित्साधिकारी डा.बी के एस चौहान ने बताया कि सिसौदा सहित आसपास के सभी गांव में टीकाकरण अभियना सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है.उन्होंने कहा कि लोगों में जागरुकता आ रही है और लोग खुद टीका बूथों पर पुहंचकर अपना टीकाकरण करा रहे हैं।

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