अरब सागर के ऊपर हवा का भारी दबाव चक्रवाती तूफान ‘वायु’ में बदला- गुजरात तट के लिए चक्रवात की चेतावनी: नारंगी रंग संदेश
नई दिल्ली: पूर्वमध्य और पड़ोसी दक्षिण पूर्व अरब सागर तथा लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर कल बना हवा का भारी दबाव उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ते हुए कल अर्धरात्रि (भारतीय समय के अनुसार 2330 बजे, 10 जून) को ही चक्रवाती तूफान ‘वायु’ में बदल गया। इसके बाद आज 11 जून, 2019 को उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा, थोड़ा तेज हुआ और गोवा के 340 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, मुम्बई (महाराष्ट्र) के 490 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और वेरावल (गुजरात) के 630 किलोमीटर लगभग दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में अक्षांश 15.2O उत्तर तथा देशान्तर 70.6O पूर्व में केन्द्रित रहा। अगले 12 घंटों में चक्रवाती तूफान के और तेज होने की संभावना है।
चक्रवाती तूफान के उत्तर की ओर बढ़ने तथा 13 जून, 2019 को तड़के वेरावल और दीव क्षेत्र के आसपास पोरबंदर तथा महुआ के बीच गुजरात तट को पार कर 110-120 किलोमीटर की रफ्तार से बढ़कर 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भारी चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है।
निम्नलिखित तालिका में पूर्वानुमान और तीव्रता की स्थिति दी गई है :
तिथि/समय (आईएसटी) | स्थिति (अंक्षाश0उत्तर/देशांतर0 पूर्व) | हवा की अधिकतम गति (किलोमीटर प्रति घंटे) | चक्रवाती विक्षोभ की श्रेणी |
11.06.19/1130 | 15.2/70.6 | 80-90 से 100 | चक्रवाती तूफान |
11.06.19/1730 | 16.1/70.6 | 90-100 से 115 | भारी चक्रवाती तूफान |
11.06.19/2330 | 16.7/70.6 | 95-105 से 120 | भारी चक्रवाती तूफान |
12.06.19/0530 | 17.5/70.5 | 100-110 से 125 | भारी चक्रवाती तूफान |
12.06.19/1130 | 18.4/70.5 | 105-115 से 130 | भारी चक्रवाती तूफान |
12.06.19/2330 | 19.9/70.4 | 110-120 से 135 | भारी चक्रवाती तूफान |
13.06.19/1130 | 21.3/70.2 | 110-120 से 135 | भारी चक्रवाती तूफान |
13.06.19/2330 | 22.0/69.9 | 80-90 से 100 | चक्रवाती तूफान |
14.06.19/1130 | 22.5/69.7 | 50-60 से 70 | भारी दबाव |
14.06.19/2330 | 23.1/69.3 | 30-40 से 50 | दबाव |
चेतावनी :
(i) भारी वर्षा की चेतावनी :
सब-डिवीजन | 11 जून 2019* | 12 जून 2019* | 13 जून 2019* | 14 जून 2019* |
कोंकण और गोवा | छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा के साथ दूर-दूर तक अच्छी वर्षा | छिटपुट स्थानों पर भारी से भारी वर्षा के साथ दूर-दूर तक वर्षा | छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा के साथ दूर-दूर तक वर्षा | दूर-दूर तक अच्छी वर्षा |
सौराष्ट्र और कच्छ | छिटपुट स्थानों पर वर्षा | छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा के साथ दूर-दूर तक वर्षा | कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा तथा छिटपुट स्थानों पर अत्यधिक वर्षा के साथ दूर-दूर तक वर्षा | छिटपुट स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा के साथ दूर-दूर तक अच्छी वर्षा |
दक्षिण गुजरात क्षेत्र | छिटपुट स्थानों पर वर्षा | छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा के साथ दूर-दूर तक अच्छी वर्षा | छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा के साथ कुछ स्थानों पर वर्षा | कुछ स्थानों पर वर्षा |
नोट : * अगले दिन के 0830 बजे तक वर्षा।
संकेतक: पीला : अद्यतन रहें; नारंगी- तैयार रहें; लाल – कार्रवाई करें, हरा : कोई चेतावनी नहीं
भारी वर्षा : 64.5-115.5 एमएम/दिन; बहुत भारी वर्षा : 115.6-204.4 एमएम/दिन; अत्यधिक भारी वर्षा : 204.4 एमएम/दिन से अधिक
(ii) हवा की चेतावनी :
- 11 जून : 11 जून की शाम तक पूर्वमध्य अरब सागर के ऊपर हवा की गति 80-90 प्रति किलोमीटर की रफ्तार से बढ़कर 100 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है और उत्तर महाराष्ट्र तट के पास और उससे दूर हवा की रफ्तार 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 70 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है। संभावना है कि हवा की रफ्तार लक्षद्वीप क्षेत्र, केरल, कर्नाटक तथा दक्षिण महाराष्ट्र तटों के ऊपर 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़कर 60 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है।
- 12 जून : पूर्वमध्य तथा पड़ोसी उत्तर पूर्व अरब सागर के ऊपर 12 जून की रात्रि तक हवा की गति 110-120 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 135 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है। 12 जून को सुबह से गुजरात तट के ऊपर हवा की रफ्तार 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 80 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है और 12 जून को रात्रि तक हवा की गति 110-120 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 135 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है। महाराष्ट्र तट के ऊपर हवा की रफ्तार 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 70 किलोमीटर प्रति घंटे होने की संभावना है।
- 13 जून : सुबह के समय उत्तर अरब सागर तथा गुजरात तट के ऊपर हवा की रफ्तार 110-120 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 135 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है और उसके बाद रफ्तार धीरे-धीरे कम हो सकती है। संभावना है कि उत्तर महाराष्ट्र तट तथा पूर्वमध्य अरब सागर के उत्तरी हिस्सों के ऊपर हवा की रफ्तार 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 70 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगी।
(iii) समुद्र की स्थिति :
- पूर्वमध्य अरब सागर के ऊपर 11 जून को समुद्र की स्थिति कठिन से काफी कठिन हो सकती है। 12 जून की शाम से पूर्वमध्य तथा पड़ोसी उत्तर पूर्व अरब सागर तथा गुजरात तट के ऊपर समुद्री स्थिति अत्यंत गंभीर हो सकती है और 13 जून को उत्तर अरब सागर के ऊपर समुद्र की स्थिति बहुत खराब हो सकती है।
- 11 जून को समुद्र की स्थिति लक्षद्वीप क्षेत्र, केरल, कर्नाटक तथा दक्षिण महाराष्ट्र तटों के ऊपर कठिन हो सकती है। 12 जून को महाराष्ट्र तट के पास तथा उससे दूर समुद्री स्थिति बहुत कठिन होगी और 13 जून को गुजरात, उत्तर महाराष्ट्र तट तथा पूर्वमध्य अरब सागर के उत्तरी भागों के ऊपर समुद्र की स्थिति काफी कठिन हो सकती है।
(iv) मछुआरों को चेतावनी :
- मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 11 जून को दक्षिण पूर्व अरब सागर, लक्षद्वीप क्षेत्र, केरल तथा कर्नाटक तटों से समुद्र में प्रवेश नहीं करें। 11 और 12 जून के लिए मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे पूर्वमध्य अरब सागर और महाराष्ट्र तट के पास और दूर से समुद्र में प्रवेश न करें। मछुआरों को 12 और 13 जून के लिए सलाह दी गई है कि वे उत्तर पूर्व अरब सागर तथा गुजरात तट और उससे दूर समुद्र में न जाएं।
(v) तूफान बढ़ने की चेतावनी :
तूफान की ऊंचाई खगोलीय ज्वार से 1.0-1.5 मीटर अधिक होने के कारण कच्छ, दवारका, पोरबंदर, जूनागढ़, दीव, गिर सोमनाथ, अमरेली तथा भावनगर जिले के निचले इलाके तूफान के जमीन से टकराने के समय जलमग्न हो सकते है।
(vi) गुजरात के कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, राजकोट, जूनागढ़, दीव, गिर सोमनाथ, अमरेली तथा भावनगर जिलों में नुकसान की आशंका है और कार्रवाई के लिए सुझाव दिये गये हैं :
- छप्पर वाले घरों और झोपडि़यों को भारी नुकसान, छतें हवा में उड़ सकती हैं।
- विद्युत तथा संचार लाइनों को थोड़ा नुकसान
- कच्ची सड़कों को भारी नुकसान और पक्की सड़कों को कुछ नुकसान, निकलने वाले रास्तों में बाढ़।
- पेड़ की शाखाओं का टूटना, बड़े पेड़ों का उखड़ना, केला तथा पपीते के पेड़ों को साधारण नुकसान, पेड़ों से सूखे तनों का उड़ना,
- तटवर्ती फसलों को भारी नुकसान
- तटबंधों/नमक की खेत की क्यारियों को नुकसान
सुझाएं गये कदम :
- मछली मारने की कार्रवाई पूरी तरह स्थगित
- तटों पर झुग्गियों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना
- प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को घरों के अंदर रहने को कहना।
- मोटर-बोट चालन असुरक्षित।
- भारी वर्षा तथा तूफान की तेजी से तटों के पास निचले इलाकों का जलमग्न होना।