उत्तर प्रदेश

राम की नगरी अयोध्‍या से होकर महादेव की नगरी आ रही मां अन्नपूर्णा, रविवार की शाम पुनर्स्थापना यात्रा

वाराणसी। 108 साल पहले भारत से चोरी कर कनाडा भेजी गई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति राम की नगरी अयोध्या से होकर रविवार की शाम महादेव की नगरी काशी में आएंगी।पहले इस मूर्ति को दुर्गाकुंड स्थित कूष्मांडा दरबार में रखा जाएगा।  इसके बाद सोमवार की सुबह राज्यमंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी के नेतृत्व में काशी से पुनर्स्थापना यात्रा की जिम्मेदारी निभा रहे प्रमोद मिश्र और डॉ वीरेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में काशी विश्वनाथ मंदिर में 15 नवंबर मां अन्नपूर्णा को स्थापित किया जाएगा।

मां अन्नपूर्णा की पुनर्स्‍थापना यात्रा प्रदेश के विभिन्न जिलों से होते हुए काशी पहुंचेगी। यात्रा को यादगार बनाने के लिए विभिन्न तरह की तैयारियां की गई हैं। अलग-अलग स्थानों पर श्रद्धालु यात्रा पर पुष्प वर्षा करेंगे

कलाकार की पड़ी नजर तो उन्होंने मुद्दे को उठाया

जानकारी के मुताबिक मां अन्नपूर्णा की मूर्ति 18 वीं शताब्दी की है। इस मूर्ति को 1913 में काशी के घाट से चुराकर तस्करों ने कनाडा भेज दिया था। जहां मैकेंजी आर्ट गैलरी में रेजिना यूनिवर्सिटी के संग्रहालय में रखी गई थी। 1936 में इसे आर्ट गैलरी के संग्रह में रखा गया था। मामला प्रकाश में तब आया जब आर्ट गैलरी में प्रदर्शनी की तैयारी चल रही थी। कलाकार दिव्या मेहरा की नजर इस मूर्ति पर पड़ी और उन्होंने इस मुद्दे को उठाया। इसके बाद सरकार ने मूर्ति की वापसी के लिए प्रयास शुरु किए जिसके बाद मूर्ति वापस काशी आ रही है।

यात्रा के लिए समाजसेवी संगठनों ने कुष्मांडा दरबार मे की बैठक

मां अन्नपूर्णा पुनर्स्थापना यात्रा के लिए दुर्गाकुंड स्थित कुष्मांडा धाम परिसर में शनिवार की शाम डॉ वीरेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में बैठक की गई।जिसमें कूष्मांडा धाम दुर्गा मंदिर, हनुमान ध्वजा प्रभात फेरी समिति, सुबह -ए- बनारस, आश्रय सेवा संस्थान, भारत विकास परिषद, गुरुधाम नागरिक सेवा समिति, मारवाड़ी युवा मंच आदि संस्था के समर्पित लोगों ने मुर्ति के स्वागत और अभिनन्दन तथा सोमवार को विश्वनाथ मन्दिर तक श्रद्धा पूर्वक ले जाने का संकल्प लिया ।

यहां रात्रि विश्राम के बाद 15 नवम्बर को प्रातः सात बजे भव्य शोभायात्रा के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर को रवाना होगी। अन्नपूर्णा मूर्ति स्वागत समिति के संयोजक प्रमोद मिश्र ने बताया कि बैठक में प्रमुख रूप से डा० रत्नेश वर्मा, कौशलपति शर्मा, अवधेश पांडेय ,श्रीनारायण खेमका, कौशल शर्मा, दीपक मिश्र, सुनील शुक्ला,अमर चन्द्र अग्रवाल, अक्षयबर सिंह प्रमुख रूप से रहे। विभिन्न संस्थाओं के सदस्य उपस्थित रहकर माता अन्नपूर्णा की मूर्ति की आरती शंख, घड़ियाल की ध्वनि से स्वागत करेंगे।

घंटा घड़ियाल और भजन से होगा मां अन्नपूर्णा का कुष्मांडा दरबार में होगा स्वागत

माता अन्नपूर्णा की मूर्ति रविवार की रातभर दुर्गाकुंड स्थित माता कूष्मांडा मंदिर में विराजमान होंगी। मूर्ति के मंदिर में पहुंचने पर शंख, घण्टा, घड़ियाल की ध्वनि के बीच स्वागत किया जाएगा। रातभर भजन मंडलियां भजन प्रस्तुत करेंगी। मूर्ति अगले दिन प्रातः सात बजे शोभायात्रा के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर ले जाई जाएगी। शोभयात्रा में पारम्परिक वेशभूषा में काशी वासी शामिल होंगे।

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