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केंद्र ने 2020-21 में राज्य में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए 1828.92 करोड़ रुपये की मंजूरी दी

नई दिल्ली: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत नियमित रूप से सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम जल जीवन मिशन की निगरानी कर रहे हैं और इस महत्वाकांक्षी मिशन के जल्द कार्यान्वयन के लिए राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के संपर्क में बने हुए हैं। इसी प्रयास में केंद्रीय मंत्री श्री शेखावत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र में राज्य में जल जीवन मिशन के तेजी से क्रियान्वयन के लिए आग्रह किया।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को लाल किले की प्राचीर से जल जीवन मिशन की घोषणा की थी जिसका उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) प्रदान करना है। जीवन में बदलाव लाने वाले इस मिशन से ग्रामीण लोगों खासकर लड़कियों के जीवन में सुधार आएगा और उनकी तकलीफें भी पहले से कुछ कम होंगी।

केंद्रीय मंत्री श्री शेखावत ने अपने पत्र में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत परिकल्पित सभी घरों में नियमित रूप से और दीर्घकालिक आधार पर पर्याप्त मात्रा में निर्धारित गुणवत्ता के साथ पीने योग्य जल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने में राज्य सरकार को सभी तरह की सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। जल जीवन मिशन के तहत उपलब्ध कराए गए घरेलू नल कनेक्शनों की संख्या और इसके लिए उपलब्ध कराई गई केंद्रीय निधि एवं राज्यों के हिस्से वाले धन के उपयोग के आधार पर राज्यों को भारत सरकार की ओर से धनराशि प्रदान की जाती है। वर्ष 2019-20 में महाराष्ट्र सरकार ने 5.45 लाख घरों को नल कनेक्शन प्रदान किए जबकि 16.26 लाख घरों को नल कनेक्शन दिलाने का लक्ष्य था।

भारत सरकार ने वर्ष 2020-21 के दौरान राज्य में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए 1,828.92 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। राज्य के पास पहले से बचे 285.35 करोड़ रुपये की शेष राशि के साथ इस वर्ष के केंद्रीय आवंटन और इसमें खर्च करने के लिए राज्य के हिस्से वाली रकम जोड़ देने पर महाराष्ट्र सरकार के पास वर्ष 2020-21 के दौरान जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए कुल 3,908 करोड़ रुपये उपलब्ध होंगे। इसके अलावा 15वें वित्त आयोग ने राज्य को 5,827 करोड़ रुपये का लक्षित अनुदान आवंटित किया है जो (अ) पीने के पानी की आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण और (ब) स्वच्छता एवं ओडीएफ की  स्थिति के रखरखाव पर अनिवार्य रूप से खर्च किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने सीएम से आग्रह किया कि पेयजल सुरक्षा हासिल करने के लिए जल की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने हेतु गावों में जल आपूर्ति प्रणालियों के रख-रखाव, इसकी योजना, कार्यान्वयन, प्रबंधन और संचालन में स्थानीय ग्राम समुदाय / ग्राम पंचायतों और उपयोगकर्ता समूहों को शामिल करें। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन को सही मायने में जन आंदोलन बनाने के लिए सामुदायिक सहयोग को प्रोत्साहित करने के साथ आईईसी अभियान चलाए जाने की योजना है।

केंद्रीय मंत्री ने पाइप द्वारा मौजूदा 8,268 जलापूर्ति योजनाओं में कुछ नया जोड़ने और इसमें वृद्धि करने का अनुरोध किया जिससे इस वर्ष के दौरान 22.35 लाख घरेलू नल कनेक्शन का प्रावधान किया गया है। राज्य को सलाह दी गई है कि वह इन सभी कार्यों को ‘अभियान मोड’ में पूरा करे ताकि ये गाँव अगले 4-6 महीनों में आसानी से ‘हर घर जल गांव’ बन सकें और समाज के गरीब और वंचित वर्गों के शेष घरों में भी तुरंत नल कनेक्शन दिया जा सके। राज्य ने 31 दिसंबर, 2020 तक सौ फीसदी आवासों तक घरेलू नल कनेक्शन पहुंचाने की योजना बनाई है। सभी घरों को घरेलू नल कनेक्शन देने की योजना बनाते समय पानी की कमी वाले क्षेत्रों, कम गुणवत्ता वाले क्षेत्रों, एससी / एसटी बहुल बस्तियों / गांवों, आकांक्षी जिलों, सांसद आदर्श ग्रामीण योजना के तहत आने वाले गांवों खासकर कमजोर जनजातीय समूहवाले क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई।

महाराष्ट्र में जल संरक्षण को लेकर कुछ उत्कृष्ट कार्य किए गए हैं। इन कार्यों से सीखते हुए मनरेगा, जेजेएम, एसबीएम (जी), पीआरआई को 15वां वित्त आयोग अनुदान, जिला खनिज विकास कोष, सीएएमपीए, सीएसआर कोष, स्थानीय क्षेत्र विकास निधि आदि जैसे विभिन्न कार्यक्रमों को मिलाकर मौजूदा जल संसाधनों को सुरक्षित रखने के लिए ग्रामीण स्तर पर योजना बनाई जानी चाहिए। इन सभी संसाधनों को जोड़ते हुए प्रत्येक गांव के लिए एक ग्राम कार्य योजना (वीएपी) भी तैयार की जानी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री का यह पत्र कोविड -19 महामारी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए सही समय पर उठाया गया कदम है। सार्वजनिक स्वास्थ्य और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से संबंधित मुद्दों से निपटने में जल जीवन मिशन का यह कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसलिए, गांवों में हर घर को घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए सभी गांवों में पानी की आपूर्ति का काम शुरू किया जाना चाहिए, जिससे स्थानीय लोगों और प्रवासियों को रोजगार प्राप्त करने में मदद मिलेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा भी मिलेगा।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को 2024 तक राज्य को “सौ फीसदी एफएचटीसी राज्य” बनाने के लिए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने जल्द ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीएम के साथ जेजेएम की योजना और कार्यान्वयन पर चर्चा करने का इरादा भी जताया है।

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